बकोरिया में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ कांड की सीबीआई ने तेज की जांच
सिटी पोस्ट लाइव, मेदिनीनगर: पलामू के बकोरिया में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ कांड की सीबीआई ने जांच तेज कर दी है ।बहुचर्चित बकोरिया कांड में एफआइआर दर्ज कराने वाले तत्कालीन सब इंस्पेक्टरमोहम्मद रुस्तम के सरकारी गवाह बनने से झारखंड पुलिस के कई बड़े अफसरों की परेशानी बढ़ गयी है।
सीबीआइ के एसपी के नेतृत्व में 10 सदस्यीयटीम इन दिनों पलामू में कैंप कर रही है और मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों के अलावा अभियान के सभी सदस्यों से पूछताछ कर रही है सीबीआई टीम अबतक 250 लोगों से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें अधिकारियों के चालक तक शामिल हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले तत्कालीन एसआई रूस्तम को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया है। सीबीआई की पूछताछ में मो. रुस्तम अपने बयान से पलट गये थे। मो. रुस्तम ने अपने बयान में सतबरवा ओपी के तत्कालीन थानेदार दारोगा हरीश पाठकके बयान का समर्थन किया था। उसने कहा था कि उसे सीनियर अफसरों ने लिखी हुई प्राथमिकी दी थी, जिस पर उसने सिर्फ हस्ताक्षर कियेे थेे।
उल्लेखनीय है कि जून 2015 को पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में हुई पुलिस और नक्सली मुठभेड़ को लेकर सवाल उठे थे। इस मुडभेड़ में 12 ग्रामीणों को नक्सली बता कर मार देने की घटना सामने आयी थी। पुलिस के अनुसार एक एक स्कार्पिओ गाड़ी में 12 लोगों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गयी थी। जिसके जवाब में पुलिस ने सभी 12 लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया था। जांच में पाया गया कि स्कार्पिओ में 12 लोगों के बैठने के बाद किसी भी सीट पर बंदूक जैसे बड़े हथियार का मूवमेंट करना संभव नहीं है।
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