सिटी पोस्ट लाइव, रांची: चारा घोटाले मामले में लालू की जमानत रोकने के लिए सीबीआई ने अदालत में हलफनामा दिया है। इसमें किसी भी मामले में सजा की अवधि पूरी नहीं होने का तर्क देकर सीबीआई ने अदालत में लालू की जमानत का विरोध किया है। लालू यादव के वकील के अनुसार लालू प्रसाद यादव को अक्टूबर में जमानत मिल सकती है। वहीं, सीबीआई ने जमानत के खिलाफ अदालत में हलफनामा दायर कर दिया है। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू की जमानत याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में 9 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि तय की गई है। जमानत के विरोध में सीबीआई ने अपना पक्ष हाइकोर्ट में दाखिल किया। सीबीआई के अनुसार लालू प्रसाद को चार मामले में अलगअलग सजा हुई है। लेकिन कोर्ट ने सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया है। इस कारण सभी सजा एक साथ नहीं चल सकती। सीआरपीसी की धारा 427 में प्रावधान के अनुसार किसी व्यक्ति को एक से अधिक मामलों में दोषी करार देकर सजा सुनायी जाती है। और अदालत सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं देती है। तो उस व्यक्ति की एक सजा की अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी दूसरी सजा शुरू होगी। सीबीआई का कहना है कि चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी गई है।
किसी भी आदेश में सभी सजा एक साथ चलाने का उल्लेख नहीं किया गया है। इस कारण लालू प्रसाद पर यह धारा लागू होती है। और जब तक एक सजा की पूरी अवधि व हिरासत में समय व्यतीत नहीं कर लेते, दूसरी सजा लागू नहीं हो सकती। इस आधार पर लालू प्रसाद की यह दलील की उन्होंने आधी सजा काट ली है। सही नहीं है और उन्हें जमानत प्रदान नहीं की जा सकती। हालांकि लालू प्रसाद की ओर से इसका विरोध भी किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि सीबीआई ने चारा घोटाले के किसी मामले में यह मुद्दा नहीं उठाया है। हाईकोर्ट पूर्व में लालू प्रसाद को दो मामले में आधी सजा काटने पर जमानत दे चुका है। इस कारण सीबीआई की ओर से दी गई यह दलील सही नहीं है।
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