सिटी पोस्ट लाइव ( आकाश ): नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बिहार सरकार के विभागों का बड़ा खेल उजागर किया है. रिपोर्ट के अनुसार बिहार की 6 सरकारी कंपनियों और निगमों के वित्तीय प्रबंधन की अनदेखी करते हुए 2014 से 2016 के बीच लगभग दो करोड़ रुपए में मोबाइल, ब्रीफकेस, घड़ियां और कैमरे खरीद कर इसे नेताओं, नौकरशाहों और पत्रकारों में बांट दिया. सार्वजनिक उपक्रमों पर कैग की यह रिपोर्ट मंगलवार को बिहार विधानसभा में पेश की गई. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि सारे नियमों को ताक में रख कर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया.
जिन छह कंपनियों ने सरकारी पैसे से गिफ्ट बांटने में उदारता दिखाई उनमें सबसे अव्वल है बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड. बिहार राज्य पूल निगम ने साल 2014 में 450 घड़ियां खरीदीं और इसे गिफ्ट कर दिया. सबसे ज्यादा मोबाइल फोन बांटे .पुलिस निर्माण निगम के अलावा बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और बिहार अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 1068 मोबाइल हैंडसेट गिफ्ट किए. बिहार स्टेट एजुकेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने 175 कैमरे भी गिफ्ट किए.
कैग ने जब बिहार स्टेट बीवरेज कॉरपोरेशन को जवाब तलब किया तो बताया गया कि कंपनी के निदेशक मंडल ने इसके लिए मंजूरी दी थी. कैग ने इस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है, “इस तरह का खर्च वित्तीय नियमों के खिलाफ है और कंपनी के घोषित उद्देश्यों के विरुद्ध है. कैग ने इन सभी कंपनियों और सरकार को चिट्ठी लिख कर इस बाबत सूचित किया लेकिन मार्च, 2018 तक कोई जवाब नहीं दिया गया.
2016 में बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दोनों हाथों में गिफ्ट लिए विधायकों की तस्वीरें अखबारों और खबरिया चैनलों की सुर्खियाँ बनी थी.उस समय महागठबंधन की सरकार थी.इस सरकार में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस भी शामिल थी. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के पथ निर्माण मंत्रालय ने विधायकों को सैमसंग का मोबाइल गिफ्ट किया था.
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