City Post Live
NEWS 24x7

झारखंड विस में 91277 करोड़ रुपये का बजट पेश

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन बुधवार को राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने 2021-22 के लिए 91277.00 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें राजस्व व्यय के लिए 75,755.01 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय के लिए 15,521.99 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामेश्वर उरांव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए स्थापना व्यय में 37,943.34 करोड़ रुपये, राज्य स्कीम (राज्यांश सहित) में 37,008.09 करोड़ रुपये, केंद्रीय सेक्टर स्कीम में 4,081.34 करोड़ रुपये और केंद्र प्रायोजित स्कमी (केंद्रांश) में 12,244.23 करोड़ रुपये यानी कुल 91277.00 करोड़ रुपये की आय-व्ययक विवरणी तैयार की गयी है।
उन्होंने कहा कि बजट में प्रावधानित सकल राशि को यदि प्रक्षेत्र के दृष्टिकोण से देखा जाये तो सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 26,734.05 करोड़ रुपये, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 33,625.72 करोड़ रुपये और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 30,917.23 करोड़ रुपये उपबंधित किये गये हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य को अपने कर राजस्व से करीब 23,265.42 करोड़ रुपये और गैर कर राजस्व से 13,500.00 करोड़ रुपये, केंद्रीय सहायता से 17,891.48 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 22,050.10 करोड़ रुपये, लोक ऋण से करीब 14,500.00 करोड़ रुपये एवं उधार तथा अग्रिम की वूसली से करीब 70 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
उरांव ने कहा कि गत वर्ष 2019-20 में झारखंड का विकास दर 06.7 प्रतिशत था। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण देश एवं देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड के विकास दर में भी गिरावट आयी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में 07.5 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में झारखंड में 06.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में विकास दर 09.5 प्रतिशत तथा प्रचलित मूल्य पर यह विकास दर 13.6 प्रतिशत अनुमानित है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-2021 में भविष्य में आने वाले ऋण-भारों के मोचन के लिए निक्षेप निधि (कॉनसालिडेटेड सिंकिंग फंड) में पहली बार 303.87 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे राज्य की क्रेडिट रेटिंग बढ़ेगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इस कोष में 472 करोड़ रुपये का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में पहली बार 11 विभागों के 21 मांगों का परिणाम बजट (आउटकम बजट) प्रस्तुत हुआ है।
राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि परिणाम बजट एक ऐसा व्यय के पूर्व का अनुमान है, जिससे व्यय के पश्चात, लक्षित परिणाम को लोकदृष्टि में लाया जायेगा एवं वित्तीय संव्यवहारों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय होगी। साथ ही इन तथ्यों का भी आकलन किया जा सकेगा, जिससे कि बजट में किये गये प्रावधान का लाभ किस तरह से जनता तक पहुंच रहा है। आगामी वित्तीय वर्षों में अन्य विभागों का भी आउटकम बजट प्रस्तुत किया जायेगा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रारंभ होने वाली कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं
राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के लिए समेकित रूप से लगभग 18,653 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों के बावजूद वित्तीय वर्ष 2020-21 से लगभग 11 प्रतिशत अधिक है। समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत प्रत्येक जिले से ग्राम का चयन करते हुए बिरसा ग्राम के रूप में नामित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 61 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है। शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की खेती के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य में 5000 पौष्टिक गृह वाटिका विकसित किये जायेंगे। सखी मंडलों द्वारा निर्मित उत्पादों को पलाश ब्रांड के जरिये एक नई पहचान देकर करीब दो लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक लगभग एक करोड़ रुपये का कारोबार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में इस योजना का विस्तार तेजी से किया जायेगा। मनरेगा योजना अंतर्गत 1150 लाख मानव दिवस सृजन किया गया है। मजदूरी दर में राज्य सरकार ने अपने संसाधानों से वृद्धि करते हुए मनरेगा मजदूरों को 194 रुपये के बदले 225 रुपये मजदूरी भुगतान किया जायेगा। बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 25000 एकड़ भूमि पर इस कार्य को कराने का लक्ष्य रखा गया है।
उरांव ने कहा कि स्वस्थ्य समाज की परिकल्पना का आधार उचित पोषण एवं पर्याप्त खाद्य आपूर्ति है। इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए गुरुजी किचन योजना नामक एक नई योजना वर्ष 2021-22 से शुरू की जायेगी। यह योजना वर्तमान में चलाये जा रहे दाल भात केंद्रों के अतिरिक्त नये भोजन केंद्रों की स्थापना की जायेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अच्छादित लाभुकों की सम्मानजनक स्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनुदानित दर पर धोती, साड़ी और लुंगी का वितरण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत राज्य के अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10 युवाओं को देश से बाहर उच्च स्तरीय कोर्स ग्रहण करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांगजन के युवाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण राशि 40 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष में झारखंड खुला विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी। इससे राज्य के सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उच्चतर शिक्षा की पहुंच संभव हो सकेगी। बंधुआ मजदूरों का पुनर्वास के लिए प्रत्येक जिला में 10 लाख रुपये के कोर्पस फंड का गठन कर लिया गया है। इस कोष से विमुक्त कराये गये बंधुआ श्रमिक को अविलंब सहायता राशि उपलब्ध कराने की योजना है। राज्य में अभी तक राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन नहीं हो सका है। इसके लिए पदों के सृजन की कार्रवाई की जा चुकी है। लुगुबुरू एवं रजरप्पा की महत्ता को देखते हुए इन्हें वृहद पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण राज्य के आंतरिक संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव तो पड़ा ही है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी में भी कटौती की है। साथ ही डीवीसी के बकाये की राशि को भी राज्य के कंसोलीडेटेड फंड से सीधे काट लिया गया है। इसके बावजूद आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि जीवन एवं जीविकोपार्जन के सभी आयाम सुदृढ़ हों। प्रेसवार्ता में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और हिमानी पाण्डेय आदि मौजूद थे।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.