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चिराग और मुकेश सहनी को साथ लाना चाहती है BJP.

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सिटी पोस्ट लाइव :अगले लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों गठबंधन बिछड़े साथियों को जोड़ने की पहल कर रहे हैं. प्रशांत किशोर से नीतीश कुमार की तो अमित शाह की चिराग पासवान की मुलाकात हुई है.वर्तमान राजनीतिक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के ​खिलाफ 1977 की तरह संपूर्ण विपक्ष गोलबंदी तेज गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहले पवन वर्मा (Pawan Verma) और फिर प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से मुलाकात को इसी नजरिये से देखा जा रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (RLJP) के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की है.

महागठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार के लिए प्रशांत किशोर 2015 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election, 2015) में रणनीतिक जलवा दिखा चुके हैं. नए समीकरण में इसी उम्मीद से दोनों की मुलाकात को देखा जा रहा है. नीतीश दिल्ली की यात्रा के जरिए संपूर्ण विपक्ष को जोड़ने की पहल कर चुके हैं. पहल को अमलीजामा पहनाने में प्रशांत किशोर की बड़ी भूमिका हो सकती है.

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान बुधवार को हिंदी दिवस समारोह में शामिल होने के लिए सूरत में थे. इस कार्यक्रम के मुख्य अति​थि पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थे. चिराग भी ‘राजभाषा’ पर संसदीय समिति के सदस्य हैं और वे समिति के सदस्य के रूप में वहां थे. बताया जाता है कि बीजेपी की पहल पर ही चिराग सूरत गए थे.बीजेपी जानती है कि पशुपति पारस के नेतृत्व वाला एलजेपी का टूटा हुआ गुट भले ही गठबंधन में है, लेकिन बिहार में मतदाता अभी भी चिराग पासवान के साथ हैं. बिहार में छह प्रतिशत पासवान मतदाता हैं जिन्होंने बीते चुनाव में बड़े पैमाने पर एलजेपी को अपना समर्थन दिया था. इसी लिहाज से 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जनता दल यूनाइटेड, राष्‍ष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन के साथ मुकाबला करने के लिए बीजेपी दलित मतदाताओं के खास हिस्से को अपने पास रखना चाहती है.

बीजेपी बिहार में महागठबंधन के बैनर तले जुटे सात दलों के जवाब देने की तैयारी कर रही है. आधार मतदाता अति पिछड़ा समाज के वोट बैंक में बिखराव को रोकने लिए विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) को साधने की पहल भी महाराष्ट्र की राजनीति के जरिए कर सकती है. महाराष्ट्र की सत्ता में ​बीजेपी की वापसी के साथ मुकेश सहनी के मुंबई कनेक्शन को आधार बनाया जा रहा है. बिहार के नए प्रभारी विनोद तावड़े भी महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. मुकेश सहनी का महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी बढ़िया संबंध है. इस लिहाज से बीजेपी को यह समीकरण साधने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बतौर बीजेपी चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस महागठबंधन से मुकेश सहनी को तोड़कर बीजेपी से जोड़ने में सफल रहे थे. इसके जरिए बड़ा संदेश भी दिया था.

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