सिटी पोस्ट लाइव : विधान परिषद् के स्नातक और शिक्षक कोटे की सीटों की बदौलत बीजेपी विधान परिषद में सबसे बड़ा दल बनने की कोशिश में जुटी है.अभी ऐसी पांच सीटों के लिए चुनाव हो रहा है, जिनमें से पार्टी के खाते में मात्र एक सीट है.उसका प्रयास इनमें से अधिसंख्य सीटों को जीत कर उच्च सदन में संख्या बल के लिहाज से JDU से बड़ा दल बन जाने का है.राजनीति के जानकारों के अनुसार अगर ऐसा हुआ तो महागठबंधन सरकार पर नैतिक दबाव बनाने का उसका लक्ष्य भी सधेगा.
बीजेपी ने रणनीति के तहत भाजपा ने पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं, जबकि पहले इनमें से एक सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में किसी सहयोगी दल के हवाले किए जाने की चर्चा थी.इन पांचों सीटों पर हो रहे चुनाव का परिणाम पांच अप्रैल को आएगा. उसी के साथ स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी अपने प्रयास में कितनी सफल हो पाई.इनमें से चार सीटों पर चुनाव हो रहा है, जबकि पांचवीं सीट (सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र) पर उप चुनाव हो रहा है.चुनाव वाली चार में से तीन सीटें अभी JDU के पास हैं और बीजेपी के खाते में एक सीट है.सारण की सीट भाकपा से विधान पार्षद रहे केदार पांडेय के निधन से रिक्त हुई है.
बीजेपी और महागठबंधन के बीच इन पांचों सीटों पर कांटे की टक्कर के आसार हैं.जीवन कुमार गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी हैं. गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी ने अवधेश नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया है.सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी डा. महाचंद्र प्रसाद सिंह को मैदान में उतारा है.महाचंद्र सात बार एमएलसी रह चुके हैं, लेकिन पिछले चुनाव में JDU से हार गए थे.बीजेपी ने अगर उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है तो स्पष्ट तौर पर वह उनके बूते क्षेत्र में जीत की संभावना देख रही है.कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में रंजन कुमार के बूते पार्टी को जीत की आस है. विधान परिषद में अभी सर्वाधिक 24 सदस्य JDU के हैं.बीजेपी का आकलन है कि अगर JDU अपनी एक सीट भी हार जाती है और बीजेपी कम से कम दो सीट भी जीत जाती है तो वह उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी हो जाएगी.
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