सिटी पोस्ट लाइव :VIP पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी NDA में सहज नहीं दिखाई दे रहे.विधान परिषद् के चुनाव में उन्हें पूरी तरह से नजर-अंदाज कर दिया गया और अब BJP उन्हें दुबारा विधान परिषद् में भेंजने को तैयार नहीं है.जाहिर है उनकी मंत्री की कुर्सी भी खतरे में है.MLC के तौर पर मुकेश सहनी का टर्म 18 महीने था जो इस साल के जुलाई में खत्म हो रहा है.इस बीच जिस तरह से मुकेश सहनी ने यूपी विधानसभा चुनाव से लेकर बिहार में BJP के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, बीजेपी का शीर्ष नेत्रित्व बेहद नाराज है.
सूत्र बताते है कि अब VIP की ही विधायक स्वर्णा सिंह या मिश्री लाल को मंत्री बनाये जाने की तैयारी चल रही है. वजह ये है कि मुकेश सहनी लगातार BJP को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे में BJP एक अलग रणनीति पर काम कर रही है. गौराबौराम से VIP की विधायक स्वर्णा सिंह की बात करें तो स्वर्णा सिंह BJP के पूर्व एमएलसी सुनील कुमार सिंह की बहू है. कोरोना काल में सुनील कुमार सिंह की मृत्यु हो गई थी. BJP ने VIP पार्टी से उनकी बहू स्वर्णा सिंह को गौराबौराम से सेट कर दिया. वो विधायक बन गई.
दरभंगा के अलीनगर से BJP ने मिश्री लाल यादव को VIP से टिकट दिलवा कर विधायक बना दिया. मिश्री लाल यादव ने BJP के टिकट से 2015 में भी अलीनगर से चुनाव लड़े थे. लेकिन वहां के आरजेडी के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्धकी ने उनको चुनाव में हरा दिया था. लेकिन इस बार वो सफल रहे. अगर बात करें VIP के विधायक राजू कुमार सिंह की तो साहिबगंज से पिछली बार 2015 में राजू कुमार सिंह को BJP ने अपने सिंबल पर चुनाव लड़वाया था. अब ये तीनों विधायक BJP के पूर्व नेता रहे हैं और जैसे ही मौका मिला ये पलटी मार देंगे. चर्चा है कि स्वर्णा सिंह या मिश्री लाल यादव को मंत्री बनाया जा सकता है.
मुकेश सहनी की मांग है कि सहनी यानी मल्लाह समाज को आरक्षण मिलना चाहिए। उनके पास में तुरुप का पत्ता है. वह इसको अब राजनीतिक रूप से मुद्दा बनाना चाहते हैं. इसी प्रयास में वह उत्तर प्रदेश गए लेकिन, उत्तर प्रदेश में भी BJP ने उनको घास नहीं डाला. बिहार में भी मुकेश सहनी अपनेआप को अभी तक कहीं स्टैब्लिश नहीं कर पाए है. उनकी पार्टी की ओर से अभी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है. वह लगातार प्रेसर पॉलिटिक्स कर रहे हैं.मुकेश सहनी नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं. सिर्फ BJP के खिलाफ यह बोल रहे हैं और BJP भी इन पर अब अटैक करना शुरू कर दी है.
मुकेश सहनी यह समझ रहे हैं कि उनका विधानपरिषद की सदस्यता इस साल के जुलाई में खत्म होने वाला है. शायद इसलिए वो दुबारा अपने को विधान परिषद् में भेजने के लिए बीजीपी के ऊपर दबाव बनाना चाहते हैं.इसी को लेकर यह लगातार बयानबाजी करते रह रहे हैं जो कि भाजपा के नेताओं को रास नहीं आ रहा है. हालांकि मुकेश सहनी सॉफ्ट कॉर्नर RJD के तरफ भी है. वह दोनों नाव पर पैर रखकर चल रहे हैं. कभी-कभी आरजेडी तेजस्वी यादव को छोटा भाई भी बताते रहते हैं. हालांकि मुकेश सहनी के बचे तीन विधायक BJP के नेता रहे है, मुकेश सहनी को इसका भी डर रहता है. लेकिन, BJP यूपी चुनाव को लेकर अभी कुछ बोल नहीं रही.
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