सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नीतीश कुमार की नयी सरकार का गठन हो चुका है। सरकार अपना काम भी आज से शुरु करने जा रही है। सरकार में मंत्रियों के चेहरे बदल गये है। बीजेपी ने खुलकर नया प्रयोग किया है। नये चेहरे के साथ जातीय समीकरणों को साधने की पूरी कोशिश की गयी है। लेकिन बीजेपी की ये नयी कवायद कही न कही अंदरखाने में पार्टी को भारी पड़ती दिख रही है। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत कई पुराने दिग्गज नाराज दिख रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में तो सुशील मोदी की बेरूखी खुल कर सामने आयी भी। मंत्रिमंडल गठन के तुरंत बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने पटना में लंबी बैठक भी की।
दरअसल पार्टी के अंदर डिप्टी सीएम को लेकर सबसे ज्यादा बवाल मचा हुआ है। सुशील कुमार मोदी को तो पहले ही साइडलाइन लगाने की तैयारी हो चुकी थी लेकिन इस पद पर पार्टी के दिग्गज नेताओं की नजर गड़ी हुई थी। लेकिन पार्टी ने बिल्कुल अलग जाते हुए तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को डिप्टी सीएम की जिम्मेवारी सौंप दी।
अब पार्टी के अंदरखाने जो कुछ सामने आ रहा है उसमे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि पिछड़ा वर्ग से ही डिप्टी सीएम देना था, तो तारकिशोर से बहुत सीनियर नंदकिशोर यादव के नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया? वहीं अति पिछड़ा वर्ग के नाम पर रेणु देवी को डिप्टी सीएम का पद देना था, तो काफी पहले से इस दौड़ में रहे डॉ. प्रेम कुमार के नाम फाइनल क्यों नहीं किया गया?
सवाल और भी हैं सीएम नीतीश कुमार पिछड़ा वर्ग से हैं, तो भाजपा मंगल पांडेय जैसे अगड़ी जाति से आने वाले किसी नेता को डिप्टी सीएम का पद क्यों नहीं दिया गया?अन्य राज्यों की तरह बिहार में भाजपा के इस प्रयोग को पार्टी के नेता सीधे तौर पर नकार तो नहीं रहे, लेकिन अंदर ही अंदर जबरदस्त बवाल है। यही कारण है कि राजभवन तक मंत्रियों का नाम पहुंचाने में बीजेपी को देर लगी।
बीजेपी के अंदरखाने से जो खबरे हैं उसमें पार्टी के अंदर सीनियर-जूनियर के साथ जातिगत गणित की लड़ाई रविवार शाम से ही शुरू हो गई और रविवार को यह चरम पर नजर आई। प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं के अंदर चल रहे गतिरोध को लेकर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव असहज नजर आए। जदयू की ओर से जहां संभावित मंत्रियों को शपथ के लिए फोन जाने की औपचारिकता होती रही, वहीं बीजेपी में यह काम बहुत देर तक टलता रहा।
शपथ के महज चार घंटे पहले डॉ. संजय जायसवाल एक सूची लेकर राजभवन पहुंचे। इस सूची में बीजेपी के कई सीनियर मंत्रियों के नाम थे, लेकिन वे इस बात से असहज महसूस कर रहे हैं कि उनका नाम इंटर पास डिप्टी CM के नाम के बाद लिखा गया। रविवार को NDA की बैठक के दौरान तारकिशोर प्रसाद का नाम सामने आया वहीं रेणु देवी का नाम रविवार शाम से सुर्खियों में आया।
बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय से राजभवन के लिए सूची निकलने के बाद बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस के सामने इस बात को लेकर बवाल तो नहीं हुआ, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के बीच यह चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही थी कि नंदकिशोर को छोड़कर तारकिशोर का और प्रेम कुमार की जगह रेणु देवी का नाम क्यों फाइनल किया जा रहा है? नीतीश के सीएम और नित्यानंद के डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा पर पार्टी के नेता असहज नहीं थे, लेकिन उनके मन में इस बात की कसक थी कि मंगल पांडेय का नाम दरकिनार क्यों किया गया।
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