सुधाकर सिंह को लेकर JDU-RJD के बीच बढ़ी कड़वाहट.
JDU कर रहा कारवाई की मांग लेकिन RJD ने साधी चुप्पी, JDU नेता महसुश कर रहे असहज.
सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं.उनके तेवर से साफ़ है कि वो इस बात से निश्चिन्त हैं कि पार्टी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगी.पार्टी द्वारा नोटिस दिए जाने के वावजूद जिस तरह से वो लगातार हमला कर रहे हैं और उनके खिलाफ कोई कारवाई नहीं हो रही है, JDU के नेता बहुत असहज महशुश कर रहे हैं.JDU लगातार सुधाकर सिंह के खिलाफ कारवाई की मांग कर रहा है लेकिन RJD बेपरवाह नजर आ रहा है.JDU को अब इस बात का अहशास होने लगा है कि सुधाकर को RJD का समर्थन प्राप्त है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले चुप हैं लेकिन उनकी पार्टी के नेता लगातार सुधाकर सिंह के खिलाफ कारवाई की मांग कर रहे हैं. नीतीश कैबिनेट के पूर्व मंत्री और JDU के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि सुधाकर का शरीर राजद में और आत्मा बीजेपी में है.विधानसभा के बजट सत्र में नीरज के आरोपों की कुछ हद तक पुष्टि भी हुई. विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा जब कभी कृषि नीति की चर्चा करते हैं, यह जरूर जोड़ते हैं कि सरकार इस मामले में पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह की सलाह को वरीयता दे.
पूरे कृषि विभाग को भ्रष्टाचारी बताकर कैबिनेट से अलग हुए सुधाकर सिंह का विचार अब भी नहीं बदला है. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुलकर आलोचना कर रहे हैं. अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित चौथे कृषि रोड मैप को पहले की तरह फालतू बता रहे हैं. नीतीश ने एक समारोह में अंग्रेजी बोलने के लिए एक किसान प्रतिनिधि को फटकार लगाई थी. सुधाकर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को यह पसंद नहीं है कि किसान का बेटा अंग्रेजी बोले.RJD ने सुधाकर सिंह के बारे में कुछ बोलना छोड़ दिया है.
बीजेपी से नीतीश कुमार के अलगाव का कारण भी ऐसा ही था. तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से सदन के भीतर मुख्यमंत्री की तीखी बातचीत हुई थी.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल सरकार पर आक्रामक थे. पहले नीतीश के सहयोगियों ने सिन्हा और जायसवाल को सतर्क किया. विवाद नहीं रुका तो नीतीश ने राजग से अलग होने का निर्णय लिया. हालांकि, सुधाकर का मामला उस हद तक जाएगा, यह नहीं लगता है.
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