सात समंदर पार आई विदेशी मेम याना के साथ बिहारी छोरे ने रचाई शादी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के रोहतास जिले के एक नौजवान का दिल एक सात समंदर पार छोकरिया पर आ गया.फिर क्या था छोरी सात समंदर पार अपने आशिक की खोज में भारत पहुँच गई. रोहतास जिले के इंद्रपुरी स्थित शंकरपुर गांव के रहने वाले अरविंद सिंह को बुल्गारिया के सोफिया शहर की रहने वाली ‘याना एनचेंवा स्टेकोवा’ नामक युवती से प्रेम हो गया. फिर क्या था दोनों भारत आ गए. अपने देश में इस परदेशी दुल्हनिया के साथ उन्होंने ब्याह रचा लिया.
अरविंद कुमार सिंह मोरक्को में व्यवसाय करते हैं. उनकी आँखें बुल्गारिया की याना से पहली मुलाकात में ही चार हो गईं . पहली मुलाक़ात में ही दोनों एक दुसरे को दिल दे बैठे. दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे. बात शादी तक पहुंच गई.अरविंद ने याना को अपने संस्कार तथा सभ्यता की दुहाई दी. फिर क्या था याना खुशी के साथ भारत की सभ्यता और संस्कृति को अपनाने को तैयार हो गई. इसके बाद दोनों शादी करने के लिए बिहार के रोहतास आ गए.
रोहतास आकर अरविंद ने पारंपरिक रीति-रिवाज से अपने गांव में अपनी प्रेमिका के साथ शादी रचाई तो उन्हें देखने के लिए पूरा ईलाका उमड़ पड़ा. कहा जा रहा है कि विदेशी प्रेमिका अपने पूरे परिवार के साथ बुल्गारिया से साढ़े पांच हज़ार किलोमीटर की दूरी तय कर रोहतास के डेहरी आई और शादी की. खास बात यह है कि शादी बिलकुल भारतीय अंदाज में हुई है. लड़की पक्ष के लोगों ने भारती रिति-रिवाजों को फॉलो किया है. यहां तक कि याना के साथ-साथ उसके घर वाले भी भारतीय पोशाक पहने हुए थे. विदेशी महिलाएं साड़ी पहनी हुई थीं तो वहीं, पुरुष शेरवानी पहने हुए थे.
बैंड-बाजे के साथ बारात निकाली गई थी. अग्नि को साक्षी मानते हुए अरविंद सिंह और याना एनचेंवा स्टेकोवा हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए. इस दौरान दोनों के चेहरे पर खुशियां देखते ही बन रही थीं.अरविंद के पिता आदित्य सिंह का कहना है कि अपने बच्चों की खुशी में ही उनकी खुशी निहित है.उन्होंने समाज की तमाम दकियानूसी रिवायतों को छोड़ धूमधाम से पूरे पारंपरिक रीति- रिवाज से अपने बेटे की शादी कराई.
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