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बिहार सावधान ! दरवाजे पर दस्तक दे रहा निफाह ,हो गया है एडवाजरी जारी

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सावधान ! दरवाजे पर दस्तक दे रहा निफाह .सोमवार को गोपालगंज सिविल सर्जन सह अध्यक्ष जिला सर्वेक्षण कमिटी डॉ.एके चौधरी ने निपाह वायरस को लेकर एडवायजरी जारी किया.उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को इस एडवायजरी पर विशेष रूप से ध्यान देने का निर्देश दिया है.

सिटी पोस्ट लाईव :केरल में निपाह वायरस से दस लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस को लेकर एडवायजरी जारी करते हुए लोगों को यह सलाह दी है. सोमवार को गोपालगंज सिविल सर्जन सह अध्यक्ष जिला सर्वेक्षण कमिटी डॉ.एके चौधरी ने निपाह वायरस को लेकर एडवायजरी जारी किया.उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को इस एडवायजरी पर विशेष रूप से ध्यान देने का निर्देश दिया है. जारी किए गए एडवायजरी में निपाह वायरस फैलने के कारण तथा उससे बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.

सीएस ने बताया कि निपाह वायरस ने केरल में दस्तक दे दिया है. यह वायरस बहुत खतरनाक है. चमगादड़ और सूअर जैसे जानवर इस वायरस के वाहक हैं. संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने या इनके संपर्क में आई वस्तुओं का सेवन करने से निपाह वायरस का संक्रमण होता है.उन्होंने अपने अडवाइजरी में कहा है कि  अगर आप ताड़ तथा खजूर का रस, ताड़ी या नीरा पीने के शौकीन हैं तो फिलहाल इसका सेवन बंद कर दें। इसके साथ ही अगर सब्जियों पर जानवरों के खाने से कटे का निशान हो तो उसे भी मत खरीदें.

जारी किए गए एडवायजरी में निपाह वायरस फैलने के कारण तथा उससे बचाव के बारे में विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि निपाह वायरस से संक्रमित इंसान भी संक्रमण को आगे बढ़ाते हैं.ऐसे में इसके प्रति जागरूक होकर ही इससे बचाव किया जा सकता है.उन्होंने इसके लक्षण बताते हुए कहा कि अचानक बुखार आना, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, मानसिक भ्रम का होना, उल्टी होने जैसा महसूस होना अथवा उल्टी आना इस बीमारी के ख़ास लक्षण हैं.उन्होंने बताया कि  निपाह वायरस मस्तिष्क ज्वर से भी जुड़ता है जिससे मस्तिष्क में सूजन की शिकायत हो सकती है. निपाह वायरस से ग्रसित मरीज 24 से 48 घंटे में कोमा में भी जा सकता है.इससे बचाव के उपाय बताते हुए उन्होंने  चमगादड़ों वाले इलाकों में अत्यधिक सावधानी बरतने , सूअर या सूअरों के संपर्क में रहने वाले  लोगों से दूर रहने , गिरे हुए अथवा जानवरों के जूठे फल खाने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि  केरल से आने वाले फलों को अच्छी तरह से धोकर ही खाना चाहिए. केले, आम व खजूर को लेकर विशेष सतर्क रहने की जरुरत है.प्रकोप कम होने तक ताड़ व खजूर के रस, ताड़ी, नीरा के सेवन से परहेज करने के साथ साथ  सब्जियों पर जानवरों के काटने का निशान हो तो उसका इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है.

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