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नीतीश सरकार के एक साल: किसानों, छात्रों और सामाजिक सुधारों का साल रहा

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सिटी पोस्ट लाइव ( सोमनाथ):  बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के  एक वर्ष आज पुरे हो चुके हैं.यह एक साल नीतीश कुमार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. इस एक साल में सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान किसानों ,छात्रों ,शराबबंदी और सामाजिक सुधारों पर केन्द्रित रहा.  सरकार के एजेंडे में किसानों ,छात्रों की समस्याएं और सामाजिक  सुधार सबसे ऊपर नजर आया . शराबबंदी और बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया गया . किसान और युवा योजनाओं को केंद्र में रखकर कई नीतियाँ और योजनायें बनाई गईं .

नवंबर 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार के नए कृषि रोड मैप को जारी किया. आर्गेनिक फार्मिंग सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये गए. पटना, नालंदा, वैशाली और समस्तीपुर में ऑर्गेनिक सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए इनपुट सब्सिडी की योजना शुरू की गई . इस योजना के तहत 30 डिसिमल में सब्जी की खेती पर 6000 रुपए अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया. कुल कृषि उत्पादन की लागत में कमी लाने और कृषकों की वास्तविक आय बढाने के लिए नीतीश कुमार ने बहुत कुछ किया. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को राज्य में बैन कर  राज्य सरकार ने अपना फसल बिमा योजना शुरू किया . इस योजना के तहत उपलब्ध कराई जानेवाली राशि को सीधे किसानों के खाते में भेंजने की व्यवस्था की गई .इसी तरह पिछले हफ्ते सरकार ने सुखाड़ के आसार को केंद्र में रख डीजल सब्सिडी चालीस रुपए से बढ़ाकर सीधे पचास रुपए कर दी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं और छात्रों पर सबसे ज्यादा ध्यान केन्द्रित रहा. सात निश्चय के तहत शुरू किये गए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ इसी साल से छात्रों को मिलना  शुरू हुआ.  इस योजना को सफलता के साथ आगे बढाने के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग के अधीन एक निगम का गठन कर दिया . अब बैंकों से अलग इस निगम के माध्यम से सरकार विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई .इतना ही नहीं सीएम ने इस ऋण को चुकाने में नाकाम रहनेवाले छात्रों को ऋण माफ़ी योजना का लाभ देने का भी एलान कर दिया . प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे यूपीएससी और बीपीएससी में पीटी और मुख्य परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए वजीफे के रूप में एक लाख रुपए तक की राशि का प्रावधान किया गया है.

लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई व अन्य सुविधाओं के लिए आरंभ मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना को आगे बढाने के लिए मुख्यमंत्री के स्तर पर बहुत प्रयास किये गए.इस योजना पर 2223 करोड़ रुपए खर्च कर सामाजिक क्रांति लाने की कोशिश की गई.

पिछले एक साल में  सरकार ने किसानों छात्रों पर ध्यान केन्द्रित किया तो वहीँ सामाजिक सुधार को भी अपने अजेंडे पर सबसे ऊपर रखा. बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलने वाले अभियान को एक नै धार देने की कोशिश की गई. इक्कीस अक्टूबर को पूर्ण शराबबंदी के खिलाफ रिकार्ड मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया और शराबबंदी कानून में सरकार ने महत्वपूर्ण संशोधन किया.

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