औद्योगिक गतिविधियों के मामले में पिछड़ा बिहार, टॉप 5 में झारखंड

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बीजेपी -जेडीयू गठबंधन की सरकार है. केंद्र में भी सरकार राज्य में भी सरकार. ऐसे में बिहार के चौमुखी विकास की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन ये क्या बिहार तो और भी पिछड़ता जा रह है. इस पिछड़ेपन की वजह क्या है ? कौन है इसके लिए जिम्मेवार ?  देश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास का कोई ख़ास नतीजा बिहार में नहीं दिख रहा.बिहार कारोबार का अनुकूल माहौल बनाने के लिए जरूरी उपाय करने में पिछड़ गया है. सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) ने ‘बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान-2017′ (बीआरएपी) लागू करने में राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर जो रैकिंग जारी की है, उसमें बिहार 18वें पायदान पर है, जबकि पड़ोसी राज्‍य झारखंड टॉप पांच के भीतर चौथे स्‍थान पर है. देश के बड़े राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश इस रैंकिंग में 12वें स्‍थान पर है तो बिहार 18वें स्‍थान पर.

पहली बार निजी क्षेत्र का फीडबैक लेने के लिए 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पांच हजार लोगों को शामिल किया गया. इनमें 4300 लोग उद्योग से संबंधित है. इनके अलावा आर्किटेक्ट, वकील और बिजली कॉन्ट्रैक्टरों को भी इस सर्वे में शामिल किया गया.डीआइआइपी के मुताबिक इस एक्शन प्लान को लागू करने की रैकिंग में आंध्र प्रदेश पहले और तेलंगाना दूसरे स्थान पर हैं, जबकि हरियाणा तीसरे और झारखंड चौथे स्थान पर हैं. पिछले साल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे थे. राजधानी दिल्ली की रैकिंग 23 पर जा खिसकी है. डीआइपीपी के अनुसार 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग में गुजरात पांचवें, छत्तीसगढ़ छठे, मध्य प्रदेश सातवें, पश्चिम बंगाल दसवें, उत्तराखंड 11वें, हिमाचल प्रदेश 16वें और पंजाब 20वें नंबर पर है.

विश्व बैंक की मदद से डीआइपीपी द्वारा यह रैंकिंग दो पैमानों ‘रिफॉर्म एविडेंस स्कोर’ और ‘फीडबैक स्कोर’  को आधार मानकर तैयार की गई है. ‘रिफॉर्म एविडेंस स्कोर’ का मतलब यह है कि किसी राज्य ने कितने सुधार लागू किए. इस पैमाने पर शत प्रतिशत स्कोर के साथ झारखंड और तेलंगाना शीर्ष पर हैं. राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए पहली बार कारोबारियों और प्रोफेशनल्स का सर्वे भी किया गया है.

डीआइपीपी ने राज्यों में कारोबार की प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए जरूरी सुधार लागू करने के मामले में उनके प्रदर्शन के आधार पर तीसरी बार यह रैकिंग जारी की है. विभाग का कहना है कि बीआरएपी 2017 में सुझाए गए सुधारों को लागू करने में कई राज्यों ने अहम प्रगति की है. बीआरएपी 2017 के तहत 7,758 सुधार एक्शन क्रियान्वित हुए जबकि 2015 में यह आंकड़ा 2,532 था. इस वर्ष सुधार की दिशा में एक्शन प्वाइंट की संख्या को पिछले साल के 285 से बढ़ाकर 372 किया गया था.

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