नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, गैर-हाजिर रहनेवाले 13 डॉक्टर नौकरी से बर्खास्त.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सरकारी अस्पतालों से मोती तनख्वाह उठाकर अपने निजी क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टरों की नौकरी पर शामत आ गई है.बिहार सरकार ने ऐसे डॉक्टरों को सबक सिखाना शुरू कर दिया है.सरकारी अस्पताल से गायब रहकर नुर्सिंह होम चलाने वाले डॉक्टरों के बारे में नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बुधवार को गया में हुई कैबिनेट की बैठक में लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले 13 चिकित्सा पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
कैबिनेट के फैसले के अनुसार डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ शैलेश कुमार, डॉ अनु सिन्हा, डॉ चंद्र किशोर कुमार, डॉ मंजू लता ,डॉक्टर विभूति कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है. कैबिनेट नें स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक कन्हैया लाल, डॉ प्रभात कुमार, डॉ संजय कुमार झा ,डॉ वीरेंद्र कुमार ,डॉक्टर सुनैना कुमारी, डॉ ब्रजेश नंदन कुमार, डॉक्टर मुक्ता मनीषी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
कैबिनेट के इस फैसले से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है.प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले सरकारी डॉक्टरों के हाथ-पावन फूल रहे हैं.सूत्रों के अनुसार सरकार प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों पर नजर रख रही है.ड्यूटी छोड़कर निजी क्लिनिक चलानेवाले सैकड़ों डॉक्टर्स निशाने पर हैं. कभी भी उन्हें भी सेवा से बर्ख़ास किया जा सकता है.
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