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आज खत्म हो गई 52 हजार दवा व्यापारियों की हड़ताल,मरीजों की बची जान.

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आज खत्म हो गई 52 हजार दवा व्यापारियों की हड़ताल,मरीजों की बची जान.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार के 52 हजार खुदरा और थोक मेडिकल व्यवसाइयों की  तीन दिनों की हड़ताल (Strike) बुधवार देर रात खत्म हो गई है.हड़ताल के व्यापक प्रभाव को देखते हुए बिहार (Bihar) सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की पहल पर यह हड़ताल खत्म हुई है. बुधवार शाम बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया गया.

संजय कुमार के साथ वार्ता के बाद बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की कोर कमिटी की बैठक हुई.इसी बैठक में हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया गया.एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार ने चेताया कि अभी तो स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव के लिखित आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई है. लेकिन अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो फिर हड़ताल करेंगे. एसोसिएशन के महासचिव ने दावा किया कि आज से शुरू हुई हड़ताल का पूरे राज्य में व्यापक असर हुआ है. हालांकि इस हड़ताल में सरकारी अस्पतालों और अस्पतालों को शामिल नहीं किया गया था.

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो मार्च में बिहार की सभी दवा दुकानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा. एसोसिएशन ने कहा है कि अनिश्चितकाल हड़ताल के 15 दिन पहले से ही दवा की खरीद बंद कर दी जाएगी.गौरतलब है कि बिहार सरकार ने दवा दुकानों में फार्मासिस्ट के माध्यम से दवा बेचने का नियम बना दिया है. दावा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता के आदेश के विरोध में दवा दुकानदारों ने हड़ताल की थी. दवा दुकानदारों का दावा है कि बिहार में साढ़े सात हजार ही फार्मासिस्ट हैं और ऐसे में 52 हजार दुकानों के लिए उनकी नियुक्ति संभव नहीं है.

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