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एक नंबर कम देना बिहार बोर्ड को पड़ा महंगा, हाईकोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना

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सिटी पोस्ट लाइव :  पटना हाईकोर्ट ने 2017 की सेकंड टॉपर भव्या कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार बोर्ड पर 5 लाख जुर्माना और भव्या के रिजल्ट को संशोधित कर दुबारा जारी करने के निर्देश दिए. दरअसल 2017 के मैट्रिक परीक्षा में सिमलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा ने बिहार बोर्ड के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में भव्या ने हिंदी विषय में एक अंक कम देने की बात कही थी. जिसके कारण वो बिहार मैट्रिक बोर्ड में दुसरे स्थान पर रह गई थी. 

जिसपर बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने 2 सप्ताह में संशोधित रिजल्ट प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. भव्या कुमारी की याचिका पर जस्टिस सी एस सिंह ने बिहार विद्यालय परीक्षा समीति पर 5 लाख रुपये का जुर्मान लगाया है. ये राशि जमुई के सिमलतला आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल को दी जाएगी, जो इस राशि का उपयोग विद्यालय के विकास के लिए करेंगे.

2017 मैट्रिक परीक्षा में सिमुलतला आवासीय विद्यालय की भव्या कुमारी को कुल 464 अंक मिले थे जबकि टॉपर प्रेम कुमार को 465 अंक हासिल हुए थे. भव्या बिहार के बेगूसराय के सहजानंद नगर की रहने वाली है. उसके पिता राम प्रकाश सिंह इंजीनियर और मां रेणुका सिंह टीचर हैं. गौरतलब है कि बिहार बोर्ड पर पिछले 3 सालों से लगातार कई दाग लगते चले आ रहे हैं. ऐसे में बिहार बोर्ड पर पांच लाख का जुर्माना महज उनकी गलती की सजा नहीं बल्कि व्यवस्था सुधारने का मौका भी है.

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