बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा में 300 छात्रों को दिया संस्कृत में शून्य अंक
सिटी पोस्ट लाइव- वैसे तो बिहार बोर्ड दावे करती है कि अब वह अपने सभी कार्य एवं रिजल्ट समय पर दे रही है लेकिन उसके लाख दावों के वावजूद एक बार फिर से बिहार विधालय परीक्षा समिती की लापरवाही सामने आई है. इस लापरवाही से सैकड़ो छात्रों का भविष्य दाव पर लग गया है. पहला तो मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के एक महीने बाद भी छात्रों को अंक पत्र नहीं मिले हैं. दूसरा बोर्ड ने स्कूलों के पास क्रॉसलिस्ट जरूर भेजे हैं, लेकिन इसमें बड़ी खामियां सामने आ रही हैं. फिलहाल जो मामला सामने आया है उसके अनुसार दो स्कूलों के 300 बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है.
मामला शेखपुरा जिले के बरबीघा मेहूस उच्च विद्यालय और पचना हाईस्कूल का है. यहां के सभी बच्चों को ऑब्जेक्टिव विषय में शून्य अंक मिले हैं. दोनों स्कूल के सभी 300 बच्चों को संस्कृत विषय में जीरो नंबर दिए गए हैं. गौर करने वाली बात तो ये है कि बच्चों को ये जानकारी पहले से नहीं थी कि आखिर फेल कैसे हुए और उन्हें शून्य नंबर कैसे मिले? लेकिन स्कूल में बोर्ड का क्रॉस लिस्ट पहुंचते ही इस बात का खुलासा हो गया.
दरअसल सभी बच्चों को संस्कृत के सब्जेक्टिव में तो नंबर मिले हैं, लेकिन ऑब्जेक्टिव में जीरो नंबर दिया गया है. क्रॉस लिस्ट हाथ लगते ही अब शेखपुरा के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) ने भी माना है कि बोर्ड ने गलती की है. DEO ने बोर्ड को पत्र लिखकर मांग किया है कि सभी बच्चों के भविष्य को देखते हुए रिजल्ट में सुधार किया जाए. अब गौर करनेवाली बात यह होगी बिहार बोर्ड इस गलती को कितने दिनों में सुधारती है जिससे इन बच्चों का भविष्य खराब होने से बच पाता है.
जे.पी.चंद्रा की रिपोर्ट
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