रांची : कोरोना संक्रमण से जूझ रहे झारखंड की स्थिति में अब तेजी से सुधार आ रहा है। धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य होने लगा है। इसका असर कई क्षेत्रों में दिखाई भी देने लगा है। सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी सामान्य दिनों की तरह काम करने लगे हैं। सरकार ने स्कूल तक खोलने की घोषणा कर दी है।
ऐसे में अब झारखंड हाईकोर्ट ने भी एक बड़ा फैसला लिया है। झारखंड हाईकोर्ट के नए फैसले के अनुसार, हाईकोर्ट में मंगलवार से सभी मामलों की सिर्फ वर्चुअल सुनवाई शुरू कर दी गई है। यही नहीं कर्मचारियों की उपस्थिति भी शत-प्रतिशत सुनिश्चित कर दी गई है। अब हाईकोर्ट में भरपूर संख्या में कर्मचारी मौजूद रहेंगे। किसी को कामकाज में कोई परेशानी नहीं आएगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होने के बाद झारखंड हाईकोर्ट में सिर्फ जरूरी मामलों की ही सुनवाई हो रही थी। यही नहीं कर्मचारियों को रोस्टर के तहत कार्यालय बुलाया जा रहा था। इसलिए यह पहल की गई थी कि कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में नहीं आएं। मालूम हो कि झारखंड हाईकोर्ट में 100 से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए थे।
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार से चुनिंंदा नहीं, बल्कि सभी मामलों की वर्चुअल सुनवाई शुरू कर दी गई है। इस बारे में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावी कर दिया गया है।
जिला अदालतों में अब फिजिकल सुनवाई होगी
झारखंड की सभी जिला अदालतों में अब फिजिकल सुनवाई होगी। आमने-सामने सुनवाई होगी। मुकदमा लड़ने वाले दोनों पक्षों के लोग और वकील कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकेंगे। उन्हें आनलाइन माध्यमों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। इस बाबत झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश सभी जिला अदालतों में पहुंच भी गया है। कुछ मामलों की वर्चुअल सुनवाई की भी इजाज झारखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि आमने-सामने सुनवाई होगी, लेकिन जिला जज अगर चाहें तो कुछ मामलों की वर्चुअल सुनवाई भी कर सकते हैं। ऐसे में अब जिला जजों के ऊपर यह निर्भर करता है कि वह किस मामले की किस तरह से सुनवाई करते हैं।
वकील और मुकदमा लड़ने वाले फैसले से खुश
झारखंड की जिला अदालतों में अभी तक सिर्फ वर्चुअल सुनवाई की जा रही थी। झारखंड हाईकोर्ट के नए आदेश से वकीलों और मुकदमा लड़ने वालों को काफी सुविधा होगी। कई वकीलों ने बातचीत में कहा कि आनलाइन से ज्यादा बेहतर आमने-सामने सुनवाई है। यह प्रभावशाली होता है।
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