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बीपीएससी परीक्षा में बड़ा बदलाव,30 सितंबर से नई व्यवस्था.

:एक समान परीक्षा के लिए अब साल में एक ही कॉमन पीटी,

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सिटी पोस्ट लाइव : बीपीएससी की परीक्षा में बैठनेवाले छात्रों के लिए जरुरी खबर है.30 सितंबर को 69 वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा से बड़े बदलाव की शुरुआत होगी.अब बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC ) समान परीक्षा के लिए साल में संयुक्त रूप से एक ही कॉमन प्रांरभिक परीक्षा लेगा.इस परीक्षा में संयुक्त बीपीएससी के साथ सीडीपीओ, सहायक अभियोजन पदाधिकारी (एपीपी) आदि के अभ्यर्थी शामिल होंगे. रिजल्ट अलग-अलग होंगे. यानी बीपीएससी संयुक्त के लिए कट ऑफ अलग, सीडीपीओ या एपीपी का कट ऑफ अलग होगा.

विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की मुख्य परीक्षा अलग-अलग होंगी. बाद में सामान्य प्रशासन विभाग औैर सरकार की सहमति पर कॉमन मुख्य परीक्षा भी ली जा सकती है. परीक्षा केंद्र के लिए गृह जिला छोड़ ऑप्शन मांगा जाएगा. रविवार को बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद और सचिव सह परीक्षा नियंत्रक रविभूषण ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार 68 वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में 0.25 निगेटिव मार्किंग की शुरुआत हुई है.आगे की प्रारंभिक परीक्षा में भी निगेटिव मार्किंग होगी.

अध्यक्ष के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न कठिन होने से सही अभ्यर्थियों का चुनाव होता है. 324 पदों के लिए 68 वीं बीपीएससी में मुख्य परीक्षा के लिए दस गुना, लगभग 3500 अभ्यर्थी सफल होंगे. प्रांरभिक परीक्षा का रिजल्ट 27 मार्च को जारी होगा। 12 मई से मुख्य परीक्षा होगी.68वीं बीपीएससी प्रांरभिक परीक्षा का रिजल्ट 27 मार्च को आएगा और 12 मई से मुख्य परीक्षा होगी.

मुख्य परीक्षा में 100 अंकों के ऑप्शनल पेपर 3 नहीं 2 घंटे के होंगे. 300 अंकों के निबंध के लिए तीन खंड में चार-चार प्रश्न होंगे. प्रत्येक खंड 100-100 अंकों के होंगे. दो खंड यूपीएससी स्तर के होंगे, जबकि तीसरे खंड के निबंध बिहार से जुड़े होंगे. जैसे लिट्टी चोखा, भोज के घड़ी कोहड़ा या बिहार से जुड़ी लोकोक्ति आदि से प्रश्न हो सकते हैं. अब आगामी संयुक्त परीक्षा में अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र के शहर चुनने का विकल्प दिया जाएगा. इसमें गृह जिला का विकल्प नहीं होगा. सभी अभ्यर्थियों को मनचाहा शहर मिले, यह जरूरी नहीं है, लेकिन महिला व दिव्यांगों को नजदीकी परीक्षा सेंटर दिया जाएगा.

68वीं में ई आप्शन को दो भागों में बांट दिया गया था. इसमें सभी पांच एक्टिव आप्शन थे. अभ्यर्थियों से अब 69वीं आवेदन के समय फीडबैक मांगे जाएंगे. अभ्यर्थी इसे पसंद करेंगे तो लागू रहेगा.69 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए सीटों के आधार पर 98 अंक कट ऑफ है तो इससे अधिक अंक वाले मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. 94 अंक एपीपी के लिए कट ऑफ है तो इससे अधिक लाने वाले सभी अभ्यर्थी एपीपी मुख्य परीक्षा के लिए योग्य होंगे. 92 अंक सीडीपीओ के लिए कट ऑफ है, तो इससे अधिक अंक वाले सीडीपीओ के लिए योग्य माने जाएंगे.

इस बदलाव से परीक्षार्थियों को विभिन्न परीक्षाओं के लिए बार-बार पीटी देने से मुक्ति मिलेगी. मेंस की तैयारी पर फोकस के लिए अधिक समय मिलेगा. एक ही अभ्यर्थी को अच्छे अंक मिले तो जितनी परीक्षा के लिए प्रारंभिक परीक्षा ली गई हैं, सभी में शामिल हो सकेंगे. परीक्षा देने के लिए समय और धन की भी बचत होगी.अलग-अलग परीक्षा के लिए कट ऑफ तय करने के लिए आयोग अलग से भी विशेषज्ञों की राय लेगा.

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