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बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं पर लगे बड़े आरोप.

समर्पित कार्यकर्ताओं के बदले अपने बेटों-रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपें जाने के लगे आरोप.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार प्रदेश कांग्रेस में घमाशान मचा हुआ है.आरोप ये है कि कुछ नेता खुद तो डेलीगेट बने ही ,अपने बेटों को भी बना दिया. प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा, विधायक दल के पूर्व नेता डा. अशोक राम और राज्यसभा सदस्य डा. अखिलेश सिंह पर इस तरह के आरोप लग रहे हैं.पार्टी के ये बड़े नेता है और वहीँ आरोपों के घेरे में हैं.वो सफाई दे रहे हैं कि उनके पुत्र पहले से राजनीति में सक्रिय हैं. अशोक राम और अखिलेश सिंह के पुत्र विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. मदन मोहन झा के पुत्र माधव झा विधानसभा के पिछले चुनाव में दावेदार थे.

प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि यानी डेलीगेट के चयन में धांधली के आरोप लग रहे हैं. जगह नहीं पाए तमाम लोग प्रदेश नेतृत्व और पार्टी प्रभारी पर धांधली का आरोप लगा रहे हैं. आलाकमान तक लिखा-पढ़ी हो रही है. राज्य से कुल 594 पीसीसी डेलीगेट का निर्वाचन होता है. इनमें से 534 प्रखंडों से आते हैं। बाकी का निर्वाचन नगर निकायों से होता है. ये कांग्रेस के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के वोटर होते हैं. आठ डेलीगेट के वोट से एआइसीसी के एक डेलीगेट का निर्वाचन होता है. इसका चुनाव अभी नहीं हुआ है. आम तौर पर पार्टी के नेता अपने जिले के किसी प्रखंड से ही डेलीगेट चुने जाते हैं. लेकिन, कांग्रेस की ताजा सूची में जिले की सीमा टूट गई है. यही कारण है कि मधुबनी जिला कांग्रेस के अध्यक्ष शीतलांबर झा सुदूर बक्सर से डेलीगेट बन गए हैं.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि गड़बड़ी की शिकायत उन तक भी पहुंची है. हम देख रहे हैं कि सूची में सुधार की कहां और कितनी गुंजाइश है. कर्मठ कार्यकताओं के नाम अगर छूट गए हैं तो उनके लिए जगह बनेगी. हालांकि धांधली का आरोप लगना नई बात नहीं है. डेलीगेट के निर्वाचन के समय हर बार ऐसे आरोप लगते हैं.प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुमार आशीष ने आरोप लगाया है कि मेहनत करने वाले कार्यकर्ता छंट गए। पैरवी वालों को जगह मिल गई.

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