“विशेष” : मूर्ति विसर्जन के बाद हुआ बड़ा हादसा,20 से ज्यादा हुए जख्मी जिसमें 6 की हालत नाजुक
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : बिहार के सहरसा जिले में मूर्ति विसर्जन के बाद बड़ा हादसा हो गया. सही मायने में मूर्ति विसर्जन के बाद वह ट्रैक्टर जी का जंजाल बन गया जिसपर माँ सरस्वती की प्रतिमा लादकर हर्सोल्लास से प्रतिमा का विसर्जन किया गया था ।चंद लम्हे में त्योहार की सारी खुशियाँ गम और आफत में बदल गई ।घटना के सम्बंध में सदर अस्पताल सहरसा में संकलित जानकारी के मुताबिक बीते कल 11 फरवरी की देर शाम सहरसा जिले के अगवानपुर स्थित मंडन भारती कृषि महाविद्यालय के छात्र और कर्मी मूर्ति विसर्जन के बाद ट्रैक्टर से वापिस कॉलेज लौट रहे थे तभी ट्रैक्टर का डाला खुल जाने से बड़ा हादसा हो गया ।उस समय ट्रैक्टर पर करीब 25 से 30 छात्र सवार थे.
ट्रैक्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से कर्मी सहित 20 से ज्यादा छात्र गम्भीर रूप से जख्मी हो गए जिसमें 6 की हालत नाजुक है. हमने अपने जीवन में पहली बार सहरसा में ऐसे हादसे में खासकर जिला प्रशासन की त्वरित तत्परता देखी ।घटना की खबर के बाद सहरसा की महिला जिलाधिकारी मोहतरमा शैलजा शर्मा सदर अस्पताल पहुँची ।मोहतरमा शैलजा शर्मा ने आपातकालीन कक्ष में घूम-घूमकर ना केवल जख्मियों को देखा और उनसे बातचीत की बल्कि जख्मी छात्रों के साथ-साथ कॉलेज से आये अन्य छात्रों से भी घटना को लेकर पूरी जानकारी ली ।खास बात यह भी थी कि सदर अस्पताल में डीडीसी राजेश कुमार सिंह,सिविल सर्जन डॉक्टर शैलेन्द्र प्रसाद गुप्ता,एसडीओ शम्भूनाथ झा,एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, अस्पताल प्रबंधक विनय रंजन सहित कई अन्य पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सदर अस्पताल में मौजूद रहे और स्थिति का गम्भीरता से जायजा भी लिया ।ये सभी देर रात तक जख्मियों के बीच डटे रहे ।सभी मौजूद अधिकारियों ने अस्पताल में जख्मी छात्रों का बेहतर से बेहतर ईलाज हो सके,इसके लिए सभी तरह के संवाद और प्रयास किये ।डीएम मोहतरमा शैलजा शर्मा ने 16 छात्रों के जख्मी होने और 2 छात्रों की स्थिति गम्भीर होने की बात कही ।मोहतरमा ने हमसे वह बातें साझा की,जिसका फीड बैक उन्हें सिविल सर्जन से मिला.
बताना जरूरी है कि 5 छात्रों की स्थिति बेहद नाजुक देखते हुए उन्हें बेहतर ईलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया है ।कुछ छात्रों का ईलाज स्थानीय निजी नर्सिंग होम भी कराया जा रहा है ।इस घटना के बाबत कॉलेज के एक छात्र मुकेश रजक ने हमें घटना की पूरी जानकारी देते हुए कहा कि जख्मियों का बेहतर ईलाज हो सके,इसके लिए वे सभी से गुजारिश करते हैं ।डीएम शैलजा शर्मा के जख्मियों के बीच आने को लेकर उन्होंने उन्हें धन्यवाद दिया और उनसे ढ़ेरों उम्मीदें जताई ।डॉक्टर,स्वास्थ्यकर्मी और दवा सहित अन्य संसाधनों की कमी झेलने वाले कोसी इलाके के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल में बेहतर ईलाज की उम्मीद बेमानी है ।वैसे यह सच है कि अस्पताल महकमा इस दुर्घटना में बेहद गंभीर बना रहा. बेहद दुःखद बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी घायलों की स्थिति जानने सहरसा के एसपी राकेश कुमार सदर अस्पताल या किसी नर्सिंग होम में नहीं पहुँचे ।रब जाने उनकी कौन सी विवशता ने उन्हें जख्मियों के बीच आने से रोका ।वैसे उनका अस्पताल नहीं आना,उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर कई प्रश्न एकसाथ खड़े कर रहा है ।हद की इंतहा तो यह है कि किसी एक जख्मी के लिए सदर अस्पताल में मजमा लगाने वाले वर्तमान और पूर्व विधायक भी यहाँ नहीं आये ।दुःखद और हास्यास्पद पहलू तो यह भी है कि क्रीचदार कुर्ता-पायजामा और पेंट-शर्ट पहनकर राज्य और देश बदलने की बात करने वाले एक भी जनप्रतिनिधि सदर अस्पताल नहीं पहुँचे ।जाहिर तौर पर ये सारे जनप्रतिनिधि फेसबुक-फेसबुक और ह्वाट्स एप-ह्वाट्स एप खेलने में ज्यादा विश्वास रखते हैं ।वैसे हम यहाँ यह भी खुले सफे से कहना चाहते हैं कि सहरसा कोसी प्रमंडल का मुख्यालय है ।यहाँ प्रमंडलीय आयुक्त और डीआईजी भी बैठते हैं ।इस हादसे में संवेदना जताने के साथ-साथ उचित दिशा निर्देश देने के लिए इन्हें भी सदर अस्पताल पहुँचना चाहिए.जाहिर तौर पर एक बेहद बड़ा हादसा हुआ है ।सिटी पोस्ट लाइव परिवार सारे जख्मियों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता है लेकिन आगे की स्थिति कैसी बनती है,इसपर कुछ भी बोलना अभी जल्दबाजी होगी.
पीटीएन न्यूज ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष रिपोर्ट
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