सिटी पोस्ट लाइव :राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल PMCH में अगर आप अपने मरीज को ईलाज के लिए लेकर जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए.अपने साथ आपको जरुरत का सारा सामान लेकर जाना होगा.यहाँ ओपीडी (PMCH OPD) में अगर बिना चादर कम्बल के इलाज कराने मरीज पहुँच गये तो ठंड से ही जान चली जायेगी.न तो यहाँ अलाव या रूम हीटर की व्यवस्था है और ना ही कोई और बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं.सुविधाओं के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य क्रेंद से भी बदहाल है. यहां पानी और दूध गर्म करने के लिए अस्पताल के बाहर भटकना पड़ता है.
बिहार के सबसे बड़े इस सरकारी अस्पताल में सुदूर जिलों से गंभीर रोगी इलाज कराने आते हैं. लेकिन भारी-भरकम बजट वाले इस अस्पताल में ठंड से बचाव की सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से भी कम हैं. यहां भर्ती रोगियों को बेड पर एक चादर और एक कंबल के सिवाय कुछ नहीं दिया जाता है. जिस शिशु रोग विभाग में छोटे बच्चों का इलाज होता है, वहां भी रूम हीटर की व्यवस्था नहीं है. डाक्टर बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कॉरिडोर रूपी इमरजेंसी में हालत स्टेबल करने के लिए तुरंत वार्ड में शिफ्ट करा रहे हैं. अभिभावक दरवाजे बंद कर ठंडी हवाओं को अंदर आने से रोकने में लगे रहते हैं.
डाक्टर बच्चों को गर्म दूध और पानी पिलाने की हिदायत तो देकर चले हैं, लेकिन इसकी व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन ने नहीं की है. कड़ाके की ठंड में अभिभावक बाहर जाकर चाय की दुकानों पर घंटों खड़े रहकर उसके खाली होने पर दूध व पानी गर्म कराते हैं और उसका शुल्क चुकाते हैं.यहां तो डाक्टरों व कर्मचारियों के कक्ष में भी हीटर की व्यवस्था नहीं है. हर व्यक्ति का कहना है कि प्रबंधन से मांग की गई है मिलते ही लगाया जाएगा.
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