केंद्र की गाइडलाइन के आधार पर पटना को फिलहाल नहीं मिलेगी राहत
सिटी पोस्ट लाइव : शुक्रवार की देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Ministry of Home Affairs) की तरफ से लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर दुकानों को खोलने के जारी आदेश पर अभीतक बिहार में अम्ल शुरू नहीं हुआ है. आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने आवासीय कॉलोनियों के पास बनी उन दुकानों को खोलने की इजाजत दी है जो नगरपालिका और नगर निगमों की सीमा के भीतर आती हों. हालांकि इस इजाजत के साथ गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी लागू की हैं. दुकानों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ मास्क के साथ ही काम कर सकेगा.
केंद्र की गाइडलाइन के मद्देनजर पटना के डीएम ने कहा है कि राजधानी मेंं कोरोना का संक्रमण देखते हुए फिलहाल कोई छूट नहीं दी जाएगी. मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा. शर्तों के मुताबिक राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत दुकानों में सिर्फ आधा स्टाफ ही काम कर सकेगा. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्टाफ को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. यानि कोरोना से बचाव के लिये जो एहतियात जरूरी हैं. मॉल और सिनेमा हॉल बंद रहेंगे.इसके अलावा एक बड़ी शर्त ये है कि दुकानें खोलने का ये नया आदेश उन इलाकों में लागू नहीं होगा, जिन्हें कोरोना हॉटस्पॉट माना गया है या कंटेनमेंट घोषित किया गया है.
पटना के राजेंद्र नगर, खाजपुरा और सुल्तानगंज का इलाका भी हॉट स्पॉट घोषित है. ऐसे में पटना प्रशासन ने अभी केंद्र के गाइडलाइन के बावजूद ढील देने पर कोई फैसला नहीं लिया है.पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या जिस तरह बढ़ती जा रही है वह चिंता का विषय है. पटना जिस तरह से कोरोना-फ्री हो गया था और फिर यहां संक्रमण का दोहराव हुआ और 26 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, इससे इस तरह की छूट देने के बारे में स्क्रीनिंग कमिटी ही फैसला लेगी.
पटना डीएम ने बताया कि अभी स्थिति यथावत ही रहेगी और चीफ सेक्रेटरी के साथ स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक के बाद इस संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा. अगर छूट दिए जाने की बात होगी भी तो केंद्र की गाइडलाइन के साथ स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा. फिलहाल स्थिति यथावत रहेगी.
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि एक व्यापारी होने के नाते हम सरकार के फैसले से खुश हैं, पर केंद्र की गाइडलाइन के बाद राज्य सरकार को भी फैसला लेना है. इसके बाद जिला स्तर पर डीएम को ढील देने या न देने के निर्णय लेने का अधिकार है. ऐसे में हम सरकार और जिलाधिकारियों के सभी गाइडलाइन को मानेंगे. वहीं पटना नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार पटना के डीएम जो भी दिशा निर्देश जारी करेंगे, वही हम भी मानेंगे. फिलहाल नई गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है.
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