राममंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार बना सकती है कानून, धर्म संकट में फंस सकते हैं नीतीश कु.
सिटी पोस्ट लाइव : सुप्रीम कोर्ट पर राम मंदिर पर सुनवाई शुरू होने से पहले ही केंद्र सरकार पर राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने का दबाव साधू संतों के साथ आरएसएस ने बनाना शुरू कर दिया है. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए 1992 की तरह एक नया जन-आंदोलन शुरू करने के संकेत दे दिया है. आरएसएस महासचिव (सरकार्यवाह) सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, “हमें भरोसा है कि राम मंदिर जल्द बनेगा. हम पहले ही लंबा इंतजार कर चुके हैं और अनिश्चित काल तक इंतजार नहीं कर सकते. अगर जरूरी हुआ तो हम मंदिर के लिए एक जन आंदोलन शुरू करेंगे.”
शिवसेना ने सामना में राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए लिखा है कि ‘काम की नहीं है हिंदुत्ववादी सरकार’. ‘हिंदुत्ववादी सरकार के सत्ता में आने के बाद भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है तो यह सरकार किस काम की है?
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी राम मंदिर को लेकर फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और यूपी, दोनों जगहों पर बीजेपी की सरकार है. दोनों सरकारों को आरएसएस का खुला समर्थन मिला हुआ है. लेकिन आश्चर्य है कि इसके बाद भी राम मंदिर के निर्माण में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है.गौरतलब है कि साधू संत समाज पहले से ही राम मंदिर निर्माण को लेकर काफी सक्रीय है. पिछले महीने अयोध्या में साधू संत आमरण अनशन कर चुके हैं. इस मामले को लेकर राष्ट्रपति से भी मिलकर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर चुके हैं. अब एकबार फिर से साधू संत समाज का जुटान सर्कार पर दबाव बनाने के लिए हो रहा है.
केंद्र सरकार पर लगातार राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए अब तो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर ने भी शुक्रवार को मुंबई में कहा कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है.उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं.जाहिर है एकबार फिर से बीजेपी राम मंदिर को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी जेडीयू की बढ़ेगी. अपने सेक्यूलर क्रेडेंशियल के लिए जाने जाने वाले नीतीश कुमार इसको किस तरह से लेगें, इसको लेकर संशय बना हुआ है. गौरतलब है कि जेडीयू इस मसाले का हल कोर्ट द्वारा निकाले जाने के पक्ष में है. ऐसे में अगर बीजेपी ने अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की पहल कर दी तो नीतीश कुमार किस तरह से रिएक्ट करेगें ,इसके ऊपर सबकी नजर टिकी हुई है.
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