कला एवं फिल्म महोत्सव में इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले विभूतियों को किया गया सम्मानित
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बीते चार सालों से आयोजित हो रहे बिहार एक विरासत कला एवं फिल्म महोत्सव का आयोजन आज राजधानी पटना के आई एम ए हॉल और बिहार चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत आई एम ए हॉल में बच्चों के बीच लेखन, चित्रकला और लोक नृत्य एवं गाथा नृत्य प्रतियोगिता से हुई। कार्यक्रम का समापन बिहार चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में बिहार से वर्ष 2020 के लिए चुने गये पद्मश्री सम्मानित विभूतियों को ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन द्वारा सम्मानित कर हुआ। इस दौरान पद्मश्री डॉ शांति जैन, डॉ श्याम सुन्दर शर्मा, श्री बिमल कुमार जैन एवं डॉ शांति राय ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई, जिन्हें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अशोक चौधरी , माननीय मंत्री, भवन निर्माण विभाग, बिहार सरकार एवं गुप्तेश्वर पाण्डेय, पुलिस महानिदेशक, बिहार ने स्मृति चिन्ह एवं पुष्प गुच्छा देकर सम्मानित किया। इस मौके पर राजधानी पटना के कई गणमान्य लोगों ने अपनी गरिमामयी उपस्तिथि दर्ज कराई।
वहीं, बिहार के गायकों एवं संगीतकारों के द्वारा बिहार की लोक बोलियों में लोक गीत को फ्यूज़न कर एक नए रूप में प्रस्तुति दी। आदित्य, एन एस आर्या, चारू, शिवम् नारायण, जीशु, रिशु, शिवानन्द और शिवम् ने लोक संगीत का फ्यूज़न की प्रदर्शनी की। इससे पहले ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन द्वारा आज सुबह बिहार एक विरासत : कला एवं फ़िल्म महोत्सव 2020 का शुभारंभ आईआरएस अधिकारी गंगा कुमार ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार की सांस्कृतिक, पारंपरिक व लोकगाथाओं के साथ कला संस्कृतियों की भी विरासत काफी समृद्ध है, जिसे आज सहेजने की जरूरत है। उन्हें पुनर्जीवित कर नृत्य एंव संगीत के उत्थान, प्रसार एवं विस्तार के उद्येश्य से स्नेह फाउंडेशन द्वारा किया जाता है
बिहार एक विरासत : कला एवं फ़िल्म महोत्सव 2020 में पटना कमिश्नरी के कई स्कूलों के बच्चों के बीच लेखन, चित्रकला और लोक नृत्य एवं गाथा नृत्य प्रतियोगिता से किया गया। इसका मकसद बच्चों में क्रिएटिव लर्निंग को बढ़ावा देना है। मौके पर प्रतियोगिता में भाग ले रहे बच्चों को सम्मानित भी किया गया है। वहीं, गंगा कुमार ने कहा कि इस प्रतियोगिता के जरिये हम उनकी कला को निखारने का काम करते हैं। इसके अलावा इन बच्चों के माध्यम से कैंसर के खिलाफ जागरुकता अभियान भी चलते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम बिहार की विरासत, खान पान, संस्कृति, भाषा एवं बोलियाँ, लोक गाथा एवं नृत्य, साहित्य, कला और इतिहास की बारे में बच्चों के बीच उत्साह पैदा करते हैं।