सिटी पोस्ट लाइव : बिहार समेत समूचे देश में लॉकडाउन जारी है. हालांकि इस चौथे चरण के लॉकडाउन में शर्तों के साथ थोड़ी ढील जरुर दी गई है. लेकिन ये ढील ऑटो चालकों के पेट को भरने में असफल है. यही कारण है कि पटना के सभी ऑटो चालक इस ढील से नाखुश हैं और भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. दो दिनों के अनशन पर बैठे ऑटो चालकों का कहना है कि सरकार ने जो ऑटो चलाने के लिए गाइडलाइन तय की है, उस के हिसाब से ऑटो चलाना मुश्किल है. बता दें सरकार ने ऑटो चालकों को सिर्फ दो पैसेंजरों को बिठाने की इजाजत दी है. साथ ही आम दिनों के हिसाब से से लॉकडाउन में डबल किराया लेने को कहा है. इसके बावजूद ऑटो चालकों का कहना है कि सिर्फ दो पैसेंजरों को बिठाने से पेट्रोल का किराया भी पूरा नहीं होने वाला है.
दो दिनों के भूख हड़ताल पर बैठ ऑटो चालकों ने सरकार का विरोध थाली पीटकर किया है. गुरुवार को शुरू हुआ इनका भूख हड़ताल व धरना शुक्रवार तक चलेगा. वहीं ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव का कहना है कि लॉकडाउन में बाहर और दूसरे जिलों के लोग पटना आ नहीं रहे हैं. अधिक भाड़ा की वजह से पैसेंजर ऑटो में बैठना नहीं चाहते हैं. ऐसे में ऑटो चालक गाड़ी में पेट्रोल कैसे भरवाएंगे? करीब दो महीने से ऑटो चला नहीं. आमदनी नहीं होने की वजह से चालक और उसके परिवार के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है. परिवार का खर्च कैसे चलेगा? बच्चों के स्कूल का फीस कैसे जमा होगा?
ऑटो चालकों ने इस मुश्भूकिल से निकलने के लिए सरकार से गुहार लगाईं है. साथ ही राज्य सरकार के सामने कई डिमांड्स भी रखे हैं. इनकी पहली डिमांड है कि सरकार अपनी गारंट पर एक लाख रुपए का लोन दिलवाए. जिससे ये अपनी जरूरतों को पूरा कर सके. दूसरी डिमांड यह है कि प्रत्येक ऑटो चालक को तीन महीने का राशन और 10 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए. इनकी तीसरी डिमांड यह है कि जिस ऑटो का पेपर फेल हो चुका है, उसकी मान्यता 30 सितंबर तक बढ़ाई जाए.
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