सिटी पोस्ट लाइव : प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की तदाद में लगातार इजाफा हो रहा है.जितने प्रवासी मजदूर बिहार आनेवाले थे लगभग आ चुके हैं.जो बचे हैं, उनको अगले दो तीन दिनों में लाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दे दिया है. लेकिन प्रवासी मजदूरों के आने से संक्रमण की रफ़्तार बहुत बढ़ गई है.साथ ही कोरोना से मरनेवालों की संख्या भी लगातार बढती जा रही है. आज भी राजधानी पटना के एनएमसीएच में एक कोरोना मरीज की मौत हो गई है.कोरोना से मरनेवालों की संख्या अब बिहार में 18 हो चुकी है.
मिली जानकारी के अनुसार 26 मई को आरा में एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई थी. आरा पहुंचने के बाद तबियत खराब होने पर उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.तरारी प्रखंड के निवासी उक्त मरीज की मौत के बाद उसके स्वाब को जांच के लिए भेजा गया था जिसकी आज रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
आज ही पटना के एनएमसीएच में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई है. सिवान के निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग को पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए एनएमसीएच में भर्ती कराया गया था.बताया जा रहा है कि इस बुजुर्ग को और भी कई गंभीर बीमारियां थी.
चीन की सरकारी मीडिया में हाल ही में एक वीडियो आया था जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस की सूचना सबसे पहले चीन में मिली इसका मतलब ये नहीं वायरस वहीं उपजा हो.वीडियो में इटली के एक वैज्ञानिक के उस इंटरव्यू का ज़िक्र किया गया जो उन्होंने एक अमरीकी रेडियो चैनल को दिया था. वैज्ञानिक ने इंटरव्यू में कहा था कि उत्तरी इटली में नवंबर में ही निमोमिया के कई अजीब से मामले देखने को मिले थे. इसका मतलब ये हो सकता है कि चीन में संक्रमण फैलने से पहले वायरस इटली में मौजूद रहा हो.”
मई की शुरुआत से ही चीन में ऐसी रिपोर्टों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिनमें कहा गया है कि हो सकता है कोरोना वायरस चीन में पैदा न हुआ हो.वायरस कहां पैदा हुआ, इस बारे में अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए इसकी जेनेटिक जानकारी जुटाने और ये पता लगाने की ज़रूरत है कि इसने समय के साथ अपना रूप कैसे बदला.
बाज़ेल यूनिवर्सिटी में मॉलिक्युलर एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी विशेषज्ञ) डॉक्टर एमा हॉडक्रॉफ़्ट कहती हैं कि यूरोप और अमरीका में मिले कोरोना वायरस के सैंपल से यह स्पष्ट है कि ये चीन में मिले वायरस से ही आया है. लेकिन चीन में इस वायरस के कई बदले हुए रूप भी हैं.उनके अनुसार अभी कोई ऐसा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिससे साबित हो सके कि वायरस चीन की बजाय कहीं और पैदा हुआ था.”