अनिल कुमार 23 नवम्बर को बक्सर के किला मैदान में करेगें स्वाभिमान रैली
सिटी पोस्ट लाइव : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा की है कि 23 नवंबर को बक्सर जिला किला मैदान शाहाबाद में स्वाभिमान रैली का आयोजन पार्टी शाहाबाद स्वाभिमान मंच के साथ मिलकर करेगी. इस रैली का मूल मुद्दा शाहाबाद की निरंतर उपेक्षा है.
इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार के कार्य करने के तरीके पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि ज्ञान, कर्म, शौर्य, धैर्य और स्वाभिमान की अनुपम भूमि शाहाबाद के साथ सरकार सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है?क्यों आज भी यहां कोई बड़ा सरकारी मेडिकल कॉलेज या, एम्स नहीं? छोटी बीमारी के इलाज के लिए भी राजधानी पटना या राज्य से बाहर बनारस में दर-दर क्यों भटकना होता है? उन्होंने कहा कि – “क्यों यहां युवाओं की शिक्षा के एक राष्ट्रीय स्तर का कॉलेज नहीं है क्यों यहां आदर्श विद्यालय नहीं है शिक्षक के लिए पलायन कर अपनी मिट्टी से दूर दूसरे राज्य जाने को मजबूर हैं हमारे बच्चे वहां सैकड़ों करोड़ों खर्च भी करते हैं और उत्पीड़न जिलक भी खेलते हैं वही शाहाबाद आज तक कमिश्नरी क्यों नहीं बना कमिश्नरी मुख्यालय जाने के लिए 250 किलोमीटर तक दूरी तय करनी होती है?
यह रिकॉर्ड है. बिहार में कहीं ऐसा नहीं है. क्यों यहां का धान का कटोरा खाली हो गया? एक मीटर नहर की लंबाई क्यों नहीं बढ़ी? किसानों को नहरों से पानी क्यों नहीं? फसल का लाभकारी मूल्य क्यों नहीं मिला? धान की सरकारी खरीद भ्रष्टाचार का गोरखधंधा बनकर क्यों रह गया?अनिल कुमार ने कहा कि शाहाबाद का क्या यही कसूर है कि यह भगवान राम की ज्ञान भूमि, विकास और सुशासन के जनक शेरशाह सूरी की कर्मभूमि, बाबू वीर कुंवर सिंह की शौर्य भूमि है. भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले जगजीवन राम की जन्मभूमि है. शाहाबाद दुनिया में सुर लहरियों को बिखेरने वाले भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की मिट्टी है, यहां की संतान सर शिवसागर रामगुलाम मॉरीशस के प्रथम राष्ट्राध्यक्ष, उनके बेटे नवीनचंद्र रामगुलाम भी मॉरीशस के सर्वोच्च पद को सुशोभित किया. यहां की कमला प्रसाद बिसेसर त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं. बिहार के काबिल मुख्यमंत्री रहे बिंदेश्वरी दूबे यहीं के बेटे थे. शाहाबाद की संतानों ने पूरी दुनिया में बिहार और भारत को गौरवान्वित किया. बदले में हमारे धान के कटोरे को खाली कर खाली कटोरा यहां के लोगों को थमा दिया. औद्योगिक केंद्र डालमियानगर भी सरकारी उपेक्षा का शिकार हो गया.
उन्होंने कहा कि -“इसलिए हम सब शाहाबाद के स्वाभिमान को जगाने के लिए 23 नवंबर को बक्सर के किला मैदान में रैली कर रहे हैं. शाहाबाद स्वाभिमान रैली की तैयारी कर ली गई है और इसमें लाखों की संख्या में लोग पहुंचें. उन्होंने लोगों से अपील की कि हुंकार भरें कि शाहाबाद अब बोलेगा, दिल्ली-पटना डोलेगा.”
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