जेल की सलाखों में कैद पूर्व सांसद आनंद मोहन कईयों को लोकसभा भेजने की बनेंगे सीढ़ी
सिटी पोस्ट लाइव : कोसी-सीमांचल से लेकर पूरे बिहार के सवर्ण और सर्वसमाज के भीतर मजबूत पकड़ और बड़ा जनाधार रखने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन अपने इशारों और अपने जनाधार के बूते कइयों को संसद पहुंचाने में संजीवनी की भूमिका निभाएंगे।बिहार के तत्कालीन गोपालगंज डी.एम. जी.कृषनैया की हत्या में, भीड़ को उकसाने के लिए आनंद मोहन को जिम्मेवार ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। आनंद मोहन 13 साल 2 महीने से जेल में हैं। अभी आनंद मोहन सहरसा जेल में हैं, जिनसे मिलने बिहार के विभिन्य दल के दिग्गज नेता आ रहे हैं। जेल में रहते हुए भी, खासकर बिहार की राजनीति में आनंद मोहन का खासा दबदबा रहा है।
जेपी आंदोलन की उपज आनंद मोहन की निकटता देश के कई बड़े नेताओं से रहे हैं। पूर्व उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत,पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर उनके घर आते-जाते रहे हैं। उनके दादा रामबहादुर सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे और महात्मा गांधी उनके घर पर ठहरे थे। उस वक्त आनंद मोहन के दादा और दादी ने देश की आजादी के लिए कई किलो सोने, हीरे और जेवरात गांधी जी को दिए थे। अटल बिहारी बाजपेयी से भी इनकी काफी निकटता थी। नीतीश कुमार से विरोध रहने के बाद भी नीतीश कुमार आनंद मोहन की भतीजी के विवाहोत्सव में शामिल हुए थे।
उस समय आनंद मोहन जेल में थे। पुराने कई दिग्गज नेताओं के साथ-साथ,जार्ज फर्नांडिश,उपेंद्र कुशवाहा,लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव,पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह,राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं से उनके मधुर संबंध रहे हैं। सभी आनंद मोहन की ताकत से वाकिफ हैं ।यही वजह है कि कोसी में पप्पू यादव,शरद यादव और दिनेश चंद्र यादव तीनों,इनके फैसले की बाट जोह रहे हैं। यह तय है कि आनंद मोहन जिनको समर्थन करेंगे, उनकी जीत पक्की है। इतनी लोकप्रियता और जनाधार के बाद भी, सबसे दुःखद पहलू यह है कि कांग्रेस इनकी पत्नी लवली आनंद को शिवहर से टिकट दिला पाने में असमर्थ साबित हुई। 10 अप्रैल की शाम में आनंद मोहन अपने समर्थन का एलान करने वाले हैं। सभी की निगाह उनके एलान पर टिकी हुई है।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “चुनाव विश्लेषण”
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