Exclusive : एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल असमय लील लेगी कितनी जिंदगियां
सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : सहरसा में एम्बुलेंस कर्मियों की अभी हड़ताल चल रही है। ऐसे में मरीज और मरीज के परिजन खासे हलकान और परेशान हैं। एक तरह से दूर-दराज के गम्भीर मरीजों की जिंदगी को बचा पाना मिल का पत्थर साबित हो रहा है।हम आपको जो तस्वीर दिखा हैं वह लापरवाही, उदासीनता, बेफिक्री और बेशर्मी की इंतहा की तस्वीर है। इस तस्वीर को देखकर आप भी समझ सकते हैं जो पूर्व से एम्बुलेंस कर्मी की हड़ताल की सूचना के बाबजूद सदर अस्पताल सहरसा, जिसे कोसी का पीएमसीएच कहते हैं के प्रबंधक ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रखी है। जबकि ऐसी स्थिति से लड़ने के लिए पहले से स्वास्थ्य महकमे को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिये थी। लेकिन यहाँ किसी को किसी की जिंदगी बचाने की गरज नहीं है। हम आपको बीती देर रात की एक खबर दिखा और बता रहे हैं। एक मरीज को एम्बुलेंस के अभाव में बीती देर रात के घुप्प अंधेरे में सुनसान सड़क पर ठेले पर लादकर सदर अस्पताल लाना पड़ा।
परिजनों की मानें तो जानकारी के अभाव में एम्बुलेंस वाले को फोन करने के बाद जब हड़ताल की जानकारी हुई तो वे मरीज को ठेले पर ही लादकर चल दिये और लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय करने में उन्हें डेढ़ घन्टे से ज्यादा का समय लग गया। इस वजह से मरीज की स्थिति नाजुक बनती चली गई और मरीज अस्पताल तक तो पहुँच गया लेकिन मरीज की जान भगवान भरोसे ही है।परिजनों की माने तो पीड़ित व्यक्ति के नल पर गिरने के बाद तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजनों ने आनन-फानन में सदर अस्पताल के एम्बुलेंस कर्मी को फोन किया ।फोन पर जवाब मिला कि अभी उनकी हड़ताल है और कोई नहीं जाएगा। बेबस और लाचार परिजन किसी तरह ठेले की व्यवस्था कर और किसी तरह एक किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मरीज को सदर अस्पताल लेकर पहुँचे। लेकिन तब तक मरीज की तबियत बिगड़ती चली गयी।
मरीज को पहले स्थानीय डॉक्टर उमर शाले के यहाँ ले जाया गया था लेकिन वहाँ बताया गया कि मरीज का ब्रेन हैमरेज हो गया है।मरीज की स्थिति बेहद नाजुक है। मरीज के रिश्तेदार मिथिलेश कुमार ने बताया कि उनके परिवार के लोगों का दिमाग काम नहीं कर रहा है कि की आगे वे क्या करें? इस वाकये ने यह साबित कर दिया है कि सहरसा की स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चरमराई हुई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जी इस खबर को देखिए और पढ़िए। सहरसा में एम्बुलेंस की वजह से कई जानें असमय जा सकती हैं। समय रहते एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल खत्म करवाइए। नहीं तो संभावित मौत के आंकड़े सभी के दिल दहला देंगे।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “एक्सक्लूसिव” रिपोर्ट
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