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नवादा के स्वास्थ्य विभाग में बाइक के रजिस्ट्रेशन पर चलाया जा रहा है एंबुलेंस

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नवादा के स्वास्थ्य विभाग में बाइक के रजिस्ट्रेशन पर चलाया जा रहा है एंबुलेंस

सिटी पोस्ट लाइव- नीतीश सरकार हमेशा भ्रष्टाचार मुक्त बिहार की बात करती है. लेकिन आए दिन् कोई न कोई घोटाला या फर्जीवाड़ा की ख़बरें किसी विभाग से आ ही जाती हैं. कुछ ऐसी ही फर्जीवाड़ा की खबर नवादा के स्वास्थ्य विभाग से आ रही है. जहां सदर अस्पताल में बाईक के रजिस्ट्रेशन पर एंबुलेंस चलाई जा रही है. यह मामला तब सामने आया जब जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा एंबुलेंस वाहन संबंधित सूची उपबलब्ध करवाई गई है. जाहिर है अब तक इन एंबुलेंसों पर बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर लगे हुए हैं, जो कहीं ना कहीं एक बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा कर रहे हैं. यह फर्जीवाड़ा बिना किसी अधिकारियों के मिली –भगत के संभव भी नहीं है.

बता दें कि नवादा जिले में एंबुलेंस की सेवा करसोटीयम ऑफ पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा चलाई जा रही है. सदर अस्पताल के साथ-साथ जिले के सभी पीएचसी में इसी कंपनी (NGO)के द्वारा एंबुलेंस चलाई जा रही है. जिसमें यह पाया गया कि काशीचक एवं कौवाकोल के एंबुलेंस पर जो नंबर रजिस्टर्ड है वह एंबुलेंस के बजाय बाइक की निकली. मामला इतना भर ही नहीं है बल्कि एंबुलेंस पीएचसी में देने के बाद आज तक इन एंबुलेंसों पर रजिस्ट्रेशन नंबर को अंकित नहीं किया गया है. सदर अस्पताल में भी लगे कुछ एंबुलेंस में नंबर अंकित नहीं हैं. जब एम्बुलेंस के ड्राईवर और ईएमटी से बात की गई तो उसने कई गंभीर आरोप लगाया. उसका कहना था कि यह कंपनी पिछले कुछ माह से अपनी सेवा दे रही है वो संतोषजनक नहीं है. कंपनी का रवैया कर्मियों के प्रति अच्छा नहीं रहा है. कई माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है. निर्धारित समय से ज्यादा काम लिया जाता है यहां तक कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन भी नहीं रहता है. जिसके कारण एंबुलेंस ड्राइवर को मरीज के परिजन या खुद के पैकेट से लगाकर ऑक्सीजन डालना पड़ता है. साफ-सफाई के नाम पर जो पैसे आती है उसे भी एंबुलेंस में नहीं दिया जाता है, जिस कारण एंबुलेंस हमेशा गंदा ही रहती है.

वहीं इस मामले पर जब जिला परिवहन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि -“राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा दी गई लिस्ट में जो नंबर उक्त दोनों पीएससी का जो प्राप्त हुआ है वह रजिस्ट्रेशन एंबुलेंस के नाम पर नहीं है. जो अपने आप में गलत है.” इसकी जांच बहुत जल्द कराई जाएगी और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना वसूला जाएगा. जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम तस्मिम अहमद जाफरी ने भी कहा कि -“उन्हें यह बात अभी फिलहाल संज्ञान में आया है. दोनों वाहनों का पेपर निकालकर जांच किया जा रहा है और बहुत जल्द वह इन दोनों गाड़ियां का सत्यापन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. त्रुटि पाए जाने पर राज्य स्वास्थ्य समिति को इस बात से अवगत कराया जायेग.”

फिलहाल दो एंबुलेंस के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. अब मामला चाहे जो भी हो इतना तो स्पष्ट है कि यह घोर लापरवाही है,जनता के साथ और उनके स्वास्थ्य के साथ. अगर इसी तरह का फर्जीवाड़ा होता रहा तो मरीजों को बेहतर सुविधा कैसे मिलेगी. लेकिन अब यह देखना होगा की प्रशासन इस मामले पर किस तरह की कारवाई करती है. कंपनी के खिलाफ कोई ठोस कदम प्रशासन उठाती है या नहीं. क्योंकि सभी जगह एम्बुलेंस सुविधा मुहैया कराने की जवावदेही इसी कंपनी की है.

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