सभी रिक्त पद भरे जाएंगे, आने वाले समय में लगातार नियुक्तियां होगी: सीएम
झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार आने वाले समय में विभिन्न विभागों में रिक्त सभी पदां को भरेगी। हेमंत सोरेन ने कहा कि स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों के अलावा विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग, जेपीएससी को अधियाचना भेजने का काम किया जा रहा है और आने वाले समय में राज्य में लगातार नियुक्ति का कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के नौजवानों के लिए भी रोजगार के नये आयाम खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन काय्रक्रम के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे है।हेमंत सोरेन गुरुवार को मॉनसून सत्र के समापन के मौके पर सदन में अपनी बात रख रहे थे। हालांकि भाजपा सदस्य मुख्यमंत्री के संबोधन के पहले ही सदन का बहिर्गमन कर बाहर निकल गये। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने हड़िया दारू बेचने वाली 12 हजार से अधिक महिलाओं को चिह्नित कर स्वरोजगार के अन्य कार्यां में लगाया है, जबकि महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी लगाकर प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि पिछली बार उनके नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों के लिए धोती-साड़ी योजना की शुरुआत की थी, लेकिन पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने धोती-साड़ी योजना को बंद कर गरीबों के तन से कपड़ा भी छीनने का काम किया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जो भी अर्हता पूरा करेगा, उसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ मिलेगा और इसकी सीमा अब समाप्त की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरबीआई के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा झारखंड सरकार के खाते से राशि काट कर असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि इस खाते में केंद्र सरकार से जो पैसा मिलता है , उस पर झारखंड सरकार का अधिकार है, इसके अलावा इस खाते में राज्य सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध करायी जाती है, लेकिन राशि काटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद ्रसरकार कभी 700 करोड़, तो कभी एक हजार करोड़ रुपये काट ले रही है, जबकि राज्य सरकार का सीसीएल पर लाखों करोड़ों रुपये बकाया है, यदि विपक्ष तैयार हो, तो सरकार कड़ा कदम उठाने के लिए भी तैयार है, परंतु वे नहीं चाहते है कि केंद्र सरकार भी अंधेरा में चला जाए,क्योंकि केंद्र सरकार ने जिस तरह से काला कृषि कानून बनाने का काम किया है, उस तरह का काम राज्य सरकार नहीं कर सकती।
भाषा के मुद्दे पर बीजेपी विधायकों की ओर से राजनीति पर भी चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में ना तो इन भाषाओं के विकास को बढ़ावा दिया और ना ही इनके उत्थान के लिए कोई प्रयास किया, इस कारण जिस तरह से आदिवासी विलुप्त हो रहे है, उसी तरह से आने वाले समय में ये जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा भी समाप्त हो जाएंगे। भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी के आंसू को घड़ियाली आंसू बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत, सामूहिक और हर तरीके का आरोप लगाना भाजपा का चरित्र बन गया है, यहां चोर मचाये शोर और उल्टे चोर कोतवाल को डांटे वाले कहावत चरितार्थ हो रही है। जिस विषय को लेकर वे सड़क पर तांडव कर रहे है और जिस तरह से स्पीकर ने सहनशीलता दिखायी, तो कोई दूसरा रहता, तो सब्र नहीं रख पाता। उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर रखने के कारण भाजपा आज उसी तरह से तड़प रही है,जिस तरह से पानी से बाहर निकाल देने पर मछली तड़पती है।
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल चुनाव को पूरे देश ने देखा है, चुनाव तरह से लड़ा गया, जैसे भारत-पाकिस्तान की लड़ाई हो रही है, परिणाम क्या हुआ। येन-केन प्रकारेण गैर भाजपा शासित राज्यों को आज परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में 43 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषित है, पिछली सरकार सप्ताह में 3 अंडा देती थी,अब इसे और बढ़ा कर 6 कर दिया गया है, एक-दो अंडा चोरी भी हो जाए, तब भी बच्चों को कुछ तो मिलेगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को तुरंत नहीं बदली जा सकती है। भाजपा ने देश की जनता को झाल बजाने के लिए छोड़ दिया है। सिर्फ हिन्दु-मुसलमान और भारत-पाकिस्तान की बात कर ध्यान को भटाया जा रहा है, देश की आंतरिक स्थिति खराब हो गयी है, बाहर की स्थिति भी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों को कब अपंग कर दें, इसका कोई भरोसा नहीं है, इसलिए ऐसी व्यवस्था खड़ी की जा रही है, ताकि स्थिति से निपटा सके। आज पूरे देश के लोग यह देख हरे है कि जीएसटी की राशि राज्यों को कितने समय पर मिल पा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने आर्थिक रूप पर अपने पैरों खड़ा होने का निर्णय लें। उन्होंने कहा कि केसीसी की बड़ी चर्चा होती है, लेकिन राज्य सरकार का भी
इसमें काफी सहयोग होता है, इसलिए सरकार ने राज्य के किसानों को बिरसा किसान का नाम दिया है और 5 लाख नये किसानों को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 2 लाख किसानों को केसीसी कार्ड भी दिया जा चुका है। इससे पहले भोजनावकाश के बाद सभा ने चार विधेयकों झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय विधेयक 2021, झारखंड पंचायत राज संशोधन विधेयक 2021, झारखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक 2021 और झारखंड वित्त विधेयक 2021 को मंजूरी प्रदान की ।
चार विधेयकों को मंजूरी देने के साथ ही पक्ष-विपक्ष के 32 सदस्यों की ओर से गैर सरकारी संकल्प रखा गया, जिसे सरकार के आश्वासन के बाद वापस ले लिया गया। अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने अपने समापन संबोधन में मॉनसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जाने की घोषणा की।
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