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सीटों पर नहीं बनी है अब तक सहमती, कॉर्डिनेशन कमिटी बनने के बाद होगा फैसला

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सीटों पर नहीं बनी है अब तक सहमती, कॉर्डिनेशन कमिटी बनने के बाद होगा फैसला

सिटी पोस्ट लाइव : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आते ही राजनीतिक सियासत सभी पार्टियों के बीच तेज हो गई है. सभी सियासी दलों की नजरें अब आगामी लोकसभा चुनावों पर आकर टिक गई है. कांग्रेस की पांच राज्यों में हुई शानदार जीत के बाद महागठबंधन में भी सीटों के बटवारे को लेकर आवाज उठने लगी है. हालांकि खबर सामने आई थी  कि राजद 18 से 20 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकता है. वहीं कांग्रेस के खाते में 8 से 12 सीटें जा सकती हैं. इसी तरह शरद यादव की पार्टी एलजेडी और जीतनराम मांझी की पार्टी हम को 2-2 सीटें मिल सकती हैं. साथ ही सीपीएम और सीपीआई के खाते में 1-1 सीट जा सकती है. लेकिन इस खबर पर हम पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने विराम लगाते हुए, नकार दिया है.

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर कॉर्डिनेशन कमिटी का राग अलापा है. उन्होंने कहा कि जो खबरें सीटों को लेकर चल रही है, सारी झूठी हैं. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में पहले कॉर्डिनेशन कमिटी बनेगी फिर जाकर सीटों का बंटवारा होगा. बिना देश स्तर और राज्यस्तर पर कमिटी गठित किये यह मुमकिन नहीं है. गौरतलब है कि हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने कॉर्डिनेशन कमिटी बनाने का  फॉर्मूला दिया था. जिसपर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी की मांग का समर्थन करते हुए कहा था कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के लिए कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी. लेकिन अबतक ऐसा कुछ हुआ नहीं है.

वहीं बड़े भाई-छोटे भाई के बयानों ने महागठबंधन में शामिल पार्टी के नेताओं ने तल्खी बढ़ा दी है. राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा था कि राजद पर कांग्रेस हावी नहीं हो सकती, हम बड़े भाई हैं और बड़े भाई से कोई बोलता नहीं है. भाई वीरेंद्र के इस दावे पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने पलटवार करते हुए कहा है कि हमें तो जनादेश ने साबित किया बड़ा भाई तो फिर बिहार में कांग्रेस छोटा भाई कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व में ही 2019 में सरकार बननी तय है, आने वाला चुनाव विधानसभा का नहीं लोकसभा का है और एेसे में छोटा भाई-बड़ा भाई की बात करना हास्यास्पद है.

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