सिटी पोस्ट लाइव : राजनीति के अखाड़े में लगातार पटकनी खाने के बाद चर्चित पूर्व विधायक ददन पहलवान एकबार फिर से अपने पुराने अखाड़े में उतर गये हैं. ददन पहलवान 2020 का विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हार गए थे. 2015 का चुनाव वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के टिकट पर जीता था. निर्दलीय चुनाव जीत कर राजनीति की शुरुआत करने वाले ददन शुरुआती दौर में लालू यादव के परिवार के करीबी थे. पहली ही बार चुनाव जीतने के बाद वे राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री बने थे.
ददन अब राज्य में पारंपरिक कुश्ती (मिट्टी पर मल्लयुद्ध) को बढ़ावा देने के लिए आगे आए हैं. मोतिहारी में बिहार केसरी प्रतियोगिता से इसकी शुरुवात होगी. इसी साल भारत केसरी का आयोजन मधेपुरा में होगा. रविवार को बिहार कुश्ती संघ भारतीय पद्धति का गठन करने के उपरांत अध्यक्ष बने ददन पहलवान ने यह जानकारी दी. कामेश्वर सिंह को इस पद्धति का महासचिव बनाया गया है. ददन यादव ने कहा कि मिट्टी की कुश्ती भारतीय संस्कृति परंपरा की धरोहर है. पारंपरिक कुश्ती दम तोड़ रही है। इसे बचाने के लिए संघ का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि पुराने अखाड़ों का पता लगाकर उसके जीर्णोद्धार के लिए काम करेगें.
संघ को मान्यता दिलाने के लिए वे भारतीय ओलंपिक संघ और राज्य सरकार से भी बातचीत करेंगे. मौके पर महाबली रामाश्रय पहलवान, डब्ल्यूआइएटी के महासचिव गौरव सचदेवा, उपाध्यक्ष अर्जुन यादव, महासचिव कामेश्वर सिंह, पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव, कोषाध्यक्ष ले लाल वचन यादव व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. ददन खुद भी अखाड़े के पुराने खिलाड़ी रह चुके हैं। वे कुश्ती प्रतियोगिताओं के आयोजन में हमेशा सक्रिय रहते हैं.
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