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आर्थिक सुधार के लिए की गई है खर्च बढ़ाने और टैक्‍स छूट की वकालत.

कोनॉमिक सर्वे में टैक्‍स राहत के संकेत, जानिये अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाने की क्या है तैयारी?

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना महामारी के कारण चरमराई देश की  अर्थ-व्यवस्था को रफ़्तार देने के लिए  इस बार के बजट में टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद है. जानकारों का मानना है कि सरकार को अपने राजकोषीय़ घाटे की चिंता किए बिना खर्च बढ़ाने और टैक्स छूट की ओर फोकस करना चाहिए.वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM nirmala sitharaman) ने आज इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया है, जिसमें उम्मीद लगाई है कि इंडियन इकोनॉमी में अच्छा बाउंसबैक देखने को मिलेगा.गौरतलब है कि  इस सर्वे में एक्टिव फिस्कल पॉलिसी अपनाने के बारे में कहा गया है. इसके अलावा आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए काउंटर-साइक्लिकल (counter-cyclical) पॉलिसी को अपनाना चाहिए.

सर्वे में कहा गया है कि फिस्कल डेफिसिट की चिंता करने की जगह सरकार को अपना खर्च बढ़ाकर कैपिटल एक्सपेंडिचर में इजाफा करना चाहिए, जिससे अगले साल रेवेन्यु में इजाफा हो सके. साथ ही टैक्स में कटौती करने की भी बात कही गई है. ताकि आम लोगों के पास खर्च के लिए ज्यादा पैसे हों और डिमांड में इजाफा आए.इसके अलावा आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि इकोनॉमी की रफ्तार कम हो तो सरकार को फिस्कल डैफिसिट के मोर्चे पर रिलैक्स रहना चाहिए. आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश बढ़ाने वाले कदमों पर जोर रहेगा. इसके अलावा ब्याज दर कम होने से बिजनेस इक्विटी बढ़ेगी. साथ ही कोरोना वैक्सीन के आ जाने के बाद से महामारी पर भी काबू पाया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि आगे इकोनॉमिक रिकवरी के लिए ठोस कदम उठाए जाने हैं, जिसके बाद इंडियन इकोनॉमी कोरोना वायरस के प्रभाव से निकलकर जबरदस्त बाउंस बैक करेगी.गौरतलब है कि आर्थिक सर्वे देश की अर्थव्यवस्था पर एक तरह का आधिकारिक रिपोर्ट होता है. आमतौर पर इसे आम बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है. इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार यानी आज संसद में इसे पेश करेंगी, जोकि आम बजट पेश होने से तीन दिन पहले ही होगा.

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