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सहरसा : एडमिशन और अंकपत्र देने के नाम पर, उच्च विद्यालय बना वसूली का अड्डा

उच्च विद्यालय की वयस्क हो रही बच्चियों का हो रहा है शोषण

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सहरसा : एडमिशन और अंकपत्र देने के नाम पर, उच्च विद्यालय बना वसूली का अड्डा

सिटी पोस्ट लाइव, स्पेशल : सहरसा जिला मुख्यालय के पूरब बाजार स्थित राजकीय कन्या उच्च विद्यालय वसूली वाला स्कूल बनकर रह गया है। महज दो कमरे में संचालित होने वाले इस सरकारी स्कूल में अभी 759 बच्चियाँ नामांकित हैं। 1994 में स्थापित हुए इस स्कूल को ना सुरक्षा की गरज से चारदीवारी है और ना ही बच्चियों के लिए शौचालय और पीने के लिए पानी की व्यवस्था। कमरे दो और शिक्षक-शिक्षिकाएं ग्यारह। संगीत और शरीरिक सह खेल विषय के शिक्षक अलग से हैं। आप खुद तय कीजिये दो कमरे वाले इस स्कूल में शिक्षकों का यह जुलूस शिक्षा का कौन सा अद्दभुत अलख जगा रहे होंगे? खैर आज का मसला हमारा अलग है। इस स्कूल में वसूली का नया कीर्तिमान बन रहा है। शिक्षा का प्रसाद पान कराने वाले गुरुजी दोनों हाथ खोलकर लूट की राशि बटोर रहे हैं।

  • इस स्कूल में साईकिल वितरण के नाम पर ढाई सौ से पांच सौ
  • एडमिशन में 72 रुपये की जगह डेढ़ सौ से साढ़े तीन सौ
  • छात्रवृति के नाम पर पांच सौ
  • पोशाक के लिए दो से तीन सौ
  • अंक पत्र देने के नाम पर पांच सौ
  • रजिस्ट्रेशन के नाम पर दो सौ रुपये वसूली किये जा रहे हैं।

इस स्कूल के प्रधानाध्यापक सुभाषित झा सहित तीन अन्य शिक्षक मिलकर यह वसूली अभियान चला रहे हैं। हमारे पुरजोर दखल के बाद बीईओ अशर्फी सहनी ने इस वसूली के खेल की जांच शुरू की और छात्राओं के साथ-साथ आरोपी शक्षकों से गहन पूछताछ की। बीईओ असर्फी सहनी ने हमारे सवाल के जवाब में खुलकर कहा कि वे जांच कर रहे हैं। अभीतक उन्हें आरोप सही लग रहे हैं। इस स्कूल में वसूली हो रही है। वे अग्रतर कार्रवाई के लिए अपनी जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपेंगे। पहली जांच में वसूली की काली करतूत सामने आ रही है। हमने खुद छात्राओं से और परिजनों से बातचीत की, तो बड़ी संख्यां में बच्चियों ने वसूली का राज फाश कर डाला।परिजनों ने भी खुलकर इस वसूली को लेकर कहा। हद तो यह है कि बच्चियों ने आरोपी शिक्षक के सामने ही पोल-पट्टी खोलकर रख दी।इस स्कूल के प्रधानाचार्य सुभाषित झा वर्ष 2006 से कुर्सी संभाले हुए हैं। वसूली का यह अभियान और खेल का खुलासा इस बार हुआ है।लेकिन यह खुलासा, यह जाहिर करने के लिए काफी है कि इस स्कूल का यह खेल पुराना है और खिलाड़ी भी मंझे हुए और पुराने हैं। सहरसा कोसी प्रमंडल का मुख्यालय है। इस मामले में आरडीडीइ और कमिश्नर को दखल देना चाहिए।अगर यहां बात नहीं बनी, तो राज्य मुख्यालय को सीधे इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आरोपी शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। वैसे वसूली और घुस की परिपाटी अब संस्कृति का रूप ले चुकी है। वैसे में पैसे के दम पर मामला रफा-दफा हो जाएगा, इसकी प्रबल संभावना है।

सहरसा से पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का सनसनीखेज खुलासा

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