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सरकारी स्कूलों में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य, तभी मिलेगा योजनाओं का लाभ.

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सरकारी स्कूलों में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य, तभी मिलेगा योजनाओं का लाभ.

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के शिक्षा विभाग के अनुसार अब  राज्य के सरकारी स्कूलों के 75 फीसदी हाजिरी वाले छात्र-छात्राओं की ही बिहार सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल पाएगा. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है.सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए अब स्कूल में 75 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया गया है. स्कूलों में इससे कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को सरकारी पोशाक, साइकिल, छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन आदि योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

 शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार की लाभुक योजनाओं की राशि एनआईसी द्वारा विकसित मेधासॉफ्ट के माध्यम से पीएफएमएस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जानी है. इसके लिए जरुरी है कि छात्र-छात्राओं की हाजिरी 75 फीसदी या उससे अधिक हो, इससे कम हाजिरी वाले विद्यार्थियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. सभी विद्यालयों को अपने यहां नामांकित सभी छात्र-छात्राओं के ऑकड़ों की इन्ट्री मेधासॉफ्ट में करनी है. शिक्षा विभाग ने जिलों को स्कूलों की उपस्थिति (अटेडेंस) का आंकड़ा तैयार कर उसे विभाग को उपलब्ध कराये जाने का निर्देश जारी किया है.इसी के आधार पर सरकार इन योजनाओं की राशि स्वीकृत कर जिलों को भेंज जाएगा  जिसे सीधे बच्चों के खाते में ट्रांसफर किया जायेगा.

मुख्यमंत्री बालक-बालिका पोशाक योजना के तहत सरकारी स्कूलों के बच्चों को 600 रुपये से 800 रुपये प्रतिवर्ष पोशाक खरीदने के लिए राशि दी जाती है. क्लास नौंवी से 12वीं की सभी छात्राओं को 1500 रुपये दी जाती है. वहीं नौंवी के सभी छात्र-छात्राओं को साइकिल खरीदने के लिए 2500 रुपये और सातवीं से 12वीं तक की सभी छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन के लिए 300 रुपये प्रतिवर्ष दिये जाते हैं.लेकिन अब ईन योजनाओं का लाभ वहीँ छात्र ले पायेगें जिनका अटेंडेंस तय मानक के अनुसार होगा.

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