चार बड़े टीवी पत्रकारों की छुट्टी, रवीश कुमार ने साधा निशाना, पूछा है : क्या आप बुजदिल इंडिया में रहेंगे, जहां सवाल बर्दाश्त नहीं?
सिटी पोस्ट लाइव: देश के जाने – माने टीवी टीवी पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी समेत देश के चार बड़े टीवी पत्रकारों को एकबार फिर से नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. केवल इतना ही नहीं बल्कि पुण्य प्रसून वाजपेयी के साथ साथ एबीपी न्यूज ने अभिसार शर्मा और मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खंडेलकर को को भी छुट्टी पर भेज दिया है.गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रसून को आजतक से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था .फिर वो एबीपी में आये थे. पिछले कई महीनों से एबीपी न्यूज पर ‘मास्टरस्ट्रोक’ कार्यक्रम कर रहे थे.
अपने इस कार्यक्रम में वो मोदी सरकार की रोज बखिया उधेड़ रहे थे. माना जा रहा है कि सत्ता को प्रसून का यह तेवर बहुत ना-पसंद आ रहा था और उसी को लेकर उनकी छुट्टी कर दी गई है. गुरुवार 2 अगस्त को पुण्य प्रसून वाजपेयी और अभिसार शर्मा दोनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खंडेलकर को भी हटा दिए जाने की खबर है.
एनडीटीवी के जानेमाने पत्रकार रवीश कुमार ने तीन बड़े मीडियाकर्मियों के खिलाफ की गई इस कारवाई पर सोशल मीडिया के जरिये जमकर सरकार पर निशाना साधा है. गुरुवार की देर रात को किए गए अपने पोस्ट में रवीश कुमार ने लिखा हैं – प्रसून को इस्तीफ़ा देना पड़ा है . अभिसार को छुट्टी पर भेजा गया है . आप को एक दर्शक और जनता के रूप में तय करना है . क्या हम ऐसे बुज़दिल इंडिया में रहेंगे, जहाँ गिनती के सवाल करने वाले पत्रकार भी बर्दाश्त नहीं किए जा सकते ? फिर ये क्या महान लोकतंत्र है ? धीरे धीरे आपको सहन करने का अभ्यास कराया जा रहा है.
रवीश आगे लिखते हैं – आपमें से जब कभी किसी को जनता बनकर आवाज़ उठानी होगी, तब आप किसकी तरफ़ देखेंगे . क्या इसी गोदी मीडिया के लिए आप अपनी मेहनत की कमाई का इतना बड़ा हिस्सा हर महीने और हर दिन ख़र्च करना चाहते हैं? क्या आपका पैसा इसी के काम आएगा? आप अपनी आवाज़ ख़त्म करने के लिए इन पर अपना पैसा और वक़्त ख़र्च कर रहे हैं? इतनी लाचारी ठीक नहीं है”.
आज के हालात पर रवीश कुमार टिप्पणी करते हुए आगे लिखते हैं-– “ आप कहाँ खड़े हैं ये आपको तय करना है . मीडिया के बड़े हिस्से ने आपको कबका छोड़ दिया है . गोदी मीडिया आपके जनता बने रहने के वजूद पर लगातार प्रहार कर रहा है . बता रहा है कि सत्ता के सामने कोई कुछ नहीं है . आप समझ रहे हैं, ऐसा आपको भ्रम है . दरअसल आप समझ नहीं रहे हैं . आप देख भी नहीं रहे हैं . आप डर से एडजस्ट कर रहे हैं . एक दिन ये हालत हो जाएगी कि आप डर के अलावा सबकुछ भूल जाएँगे . डरे हुए मरे हुए नज़र आएँगे . फेक दीजिए उठाकर अख़बार और बंद कर दीजिए टीवी .
रविश के इस ट्विट पर लोग खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं.कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं वहीँ कुछ लोग उनके ऊपर कांग्रेस के ईशारे पर मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप लगा रहे हैं.लेकिन रविश के विरोध करनेवालों की संख्या उनका समर्थन करनेवालों के मुकाबले बहुत कम है.इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि आज के दौर में पत्रकारिता बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही है. और इसके लिए सरकार जिम्मेवार नहीं है बल्कि वो मीडिया घराने हैं जो अपने व्यापारिक हितों के लिए खबर से समझौता करने के लिए ऑफर का इंतज़ार करते रहते हैं.
Comments are closed.