देश के 3 बड़े डॉक्टरों ने की देश के लोगों से अपील, बोले- कोरोना से घबराएं नहीं.
सर्दी, बुखार, खांसी और बदन दर्द है तो क्या करें, AIIMS व मेदांता के डॉक्टर्स ने दी सलाह.
सिटी पोस्ट लाइव :देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश भर में दहशत का माहौल कायम हो गया है.AIIMS ,दिल्ली के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria), नारायण हेल्थ के डॉक्टर देवी शेट्टी (Dr Devi Shetty) और मेदांता ग्रुप के डॉक्टर नरेश त्रेहन (Dr Naresh Trehan) ने देश के लोगों के नाम कोरोना को लेकर संदेश दिया है. डॉक्टर देवी शेट्टी ने बताया कि अगर आपको कोरोना के सिम्प्टम्स नजर आ रहे हैं तो घबराएं नहीं. जितनी जल्दी हो सके कोरोना टेस्ट कराएं और आइसोलेट हो जाएं.
उन्होने कहा कि अगर आप पॉजिटिव आते हैं तो तुरंत डॉ से सलाह लें. कोविड अब कॉमन हो चुका है. दहशत में आने की जरुरत नहीं. हमेशा मास्क पहनें और पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेबल चेक करते रहें. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन छह मिनट के अंतराल पर दो बार चेक करें. ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर डॉक्टर से बात करें, किसी भी हालात में घबराएं नहीं. डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि अस्पतालों के ऐप से जानकारी ले सकते हैं. लक्षण दिखाई देने पर तुरंत खुद को आइसोलेट करें. देर न करते हुए इलाज शुरू कर दें. पॉजिटिव आने पर अस्पताल न भागें. मध्यम लक्षण दिखने पर क्वारंटीन सेंटर जा सकते हैं, ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव दिखने पर अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं.
AIIMS डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि 85% से अधिक लोग बिना किया विशेष उपचार के कोरोना से ठीक हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हर किसी को रेमडिसिविर की जरूरत नहीं है. अधिकांश लोगों में सामान्य सर्दी, गले में खराश आदि जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो 5 से 7 दिनों में सामान्य उपचार से ठीक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि केवल 15 ऐसे मरीज हैं जिन्हें अस्पताल जाने की जरूरत पड़ रही है.
देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने लोगों से अपील की कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. अपनी जिम्मेदारी समझें और जरूरत न होने पर घर से बाहर न निकलें. बार-बार हाथ धोएं और पॉजिटिव आने पर परेशान न हों. पॉजिटिव आते ही हॉस्पिटल की तरफ न भागें. धैर्य बनाए रखें, किसी भी सिचुएशन में पैनिक न करें, पैनिक करने से शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम हो सकता है. डॉक्टरों ने लोगों से गुजारिश की कि अपने डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लें, सही खान-पान करें, लिक्विड डायट लेते रहें और एक्सरसाइज करें. सही तरीके से इलाज करने पर मरीज 5 से 7 दिन में ठीक हो रहे हैं.
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