City Post Live
NEWS 24x7

बाबरी विध्वंस की 26वीं बरसी पर विशेषः जब बीजेपी के लिए विलेन बन गये लालू

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

बाबरी विध्वंस की 26वीं बरसी पर विशेषः जब बीजेपी के लिए विलेन बन गये लालू

सिटी पोस्ट लाइवः लालू यादव को बीजेपी का कट्टर राजनीतिक दुश्मन माना जाता है. राजनीति में कोई स्थायी दोस्त और दुश्मन नहीं होता वाली प्रासंगिक युक्ति के दौर में भी यह गारंटी मानी जाती है कि लालू बीजेपी से कभी हाथ नहीं मिला सकते. दरअसल सियासत में दो सबसे कट्टर सियासी दुश्मनों की बात करें तो वो लालू और बीजेपी हीं है.  इस दुश्मनी की इबारत लालू ने सालों पहले लिख दी थी.

 

 

आज अयोध्या के बावरी विध्वंस की 26वीं बरसी है इसलिए जब भी उस घटना को याद किया जाता तब लालू अचानक सबकी जेहन में घुस जाते हैं. दरअसल जिस दौर में बाबरी विध्वंस की घटना हुई थी उसी दौर में लालू बीजेपी के लिए विलेन बन गये थे. दरअसल 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी विध्वंस की घटना यूपी के अयोध्या में घटी थी. इससे ठीक दो साल पहले यानि अक्टूबर 1990 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव आडवाणी का रथ रोककर बीजेपी के लिए विलेन बन गये. उन्होंने बिहार के समस्तीपुर में आडवाणी का रथ रोका था। दरअसल यह बीजेपी की पर बड़ी चोट थी. राम मंदिर को लेकर आडवाणी की रथयात्रा बीजेपी प्रयोजित एक बड़ा आयोजन था जिसके सारथी थे तब बीजेपी में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले लाल कृष्ण आडवाणी.

 

 

वैसे अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के बीज जो सामंजस्य था उसमें आडवाणी को नंबर दो कहना भी गलत होगा क्योंकि पार्टी में हैसियत तकरीबन दोनों की बराबर हीं थी. उस बीजेपी के आडवाणी के रथ को लालू ने बिहार में रोक दिया. बीजेपी प्रयोजित एक बड़े राजनीतिक आंदोलन या आयोजन को तब बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव ने धराशायी कर दिया था. दरअसल यह सबसे बड़ी वजह मानी जाती है बीजेपी और लालू के बीच की दुश्मनी की. और आगे जाकर यह दुश्मनी और परवान चढ़ी. बहरहाल अयोध्या में विवादित ढांचे के ध्वंस की आज 26वीं बरसी है. इस मौके पर अयोध्या में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं. येलो जोन क्षेत्र में सुरक्षा बैरियर लगाकर हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है और संदिग्ध लगने पर उन्हें रोककर उनकी तलाशी भी ली जा रही है. पूरी धार्मिक नगरी कड़ी सुरक्षा घेरे में जकड़ी रहेगी. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित परिसर में मौजूद ढांचे को गिरा दिया था, जिसके बाद हर वर्ष दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से इस दिन को मनाते आ रहे हैं. अयोध्या में शांति व्यवस्था को लेकर कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसे दृष्टिगत रखते हुए हर वर्ष सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं. उसी कड़ी में इस वर्ष भी अयोध्या में सुरक्षा के बेहद सख्त इंतजाम किए गए।.हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी परंपरागत रुप से कारसेवक पुरम परिसर में विवादित ढांचे की बरसी को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

 

 

 

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.