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गांव, घर, स्कूल, सड़क सब डूब चुके हैं, समंदर में तब्दील हुआ कुशेश्वरस्थान

नाव और बाँध पर लोगों ने लिया है शरण, बाढ़ की तबाही पर दरभंगा से सिटी पोस्ट की खास रिपोर्ट.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के दरभंगा जिले में बागमती नदी (Bagmati River) उफान पर है तो कमला बलान नदी (Kamala Balan River) अपना रौद्र रूप दिखा रही है. कमला में पानी बढ़ने से दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड (Kusheshwarsthan Block) में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. कुशेस्वरस्थान के पूर्वी इलाके में तो तबाही का सैलाब आ गया है. पूरा इलाका किसी समंदर में तब्दील हो गया है.चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.इस बाढ़ के पानी में लोगों की जिंदगी नाव पर या फिर बाँध पर जाकर टिक गई है.

नदी के इस रौद्र रूप को देखकर गाव की महिलाएं नदी में नाव पर सवार होकर कमला मइया के गीत गाकर उसके इस विकराल रूप को शांत करने का टोटका भी कर रही हैं.बाढ़ के पानी के कारण कुशेश्वरस्थान के इठहर और सुघराईं पंचायत के हाल बेहद खराब है. स्कूल के अन्दर तक़रीबन चार से पांच फीट तक  पानी भरा है. स्कूल के कमरे में पानी भरा है स्कूल की खिड़कियां पानी में डूबी है तो गांव घर के हाल भी बुरे हैं. पूरा गांव पानी से घिरा है, घरों में पानी है, गरीबों की झोपड़ियां पानी में डूब चुकी हैं. सड़कें भी नजर नहीं आतीं.

बेपटरी हो चुकी जिन्दगी को पटरी पर लाने के लिए लोग जान बचाकर ऊंचे बांध पर अपने पशुओं के साथ शरण ले चुके हैं.  पशु और इंसान में फर्क मिट गया है पेट की आग बुझाने के लिए बांध पर ही चूल्हे की आग जला कर सरकारी मदद की आस में जिंदगी की सांस बचा रहे हैखुद जैसे तैसे अपना पेट भर रहे इन बाढ़ पीड़ितों की समस्या इतने पर ही नहीं थमती बल्कि चारो तरफ पानी होने के कारण इनके लिए पशु की चारा एक बड़ी समस्या है.

दरभंगा के जिलाधिकारी त्यागराजन ने कहा कि पूरे जिले में सभी  प्रभवित इलाके में सरकारी नाव की व्यवस्था की गयी है. साथ ही कई जगहों पर कम्यूनिटी किचेन भी शुरू की गयी है. फिलहाल बाढ़ से हालात ज्यादा गंभीर नहीं और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.लेकिन सच्चाई यहीं है कि बढ़ में लाखों लोगों का घरबार तबाह हो गया है.लोग अपना सबकुछ गंवाकर बांधों पर या फिर नावों पर शरण लिए हुए हैं.इस बाढ़ की आपदा में उनके बीच केवल एक नेता पप्पू यादव नजर आ रहे हैं.वो नाव से ही घूम घूमकर लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.उन्हें समझा रहे हैं कि ये प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि सरकार द्वारा प्रायोजित आपदा है.इससे बचने के लिए उन्हें जात-पात और मजहब से ऊपर उठाकर उन्हें अपना सरकार बनाना होगा तभी उनकी जिंदगी बदलेगी.

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