रांची: मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार वितरण तथा मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट के विभिन्न बोर्ड के राज्य स्तरीय टॉपर्स को सम्मानित करने के लिए समारोह का आयोजन किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन स्वच्छता प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 119 विद्यालयों को पुरस्कृत करेंगे. इस मौके पर झारखंड इंटरमीडिएट काउंसिल (जैक), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और आईसीएसई बोर्ड के मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा-2020 में राज्य स्तर पर पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेंगे.
44,441 विद्यालयों की भागीदारी
मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के लिए आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में राज्यभर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अवस्थित 44,441 विद्यालयों ने भाग लिया था. स्वच्छता के पांच मानकों के आधार पर इन सभी विद्यालयों का आकलन कर ग्रेडिंग की गई. इन मानकों में पेयजल व्यवस्था, शौचालय, हैंडवॉश (साबुन के साथ), ऑपरेशन एंड मेंटनेंस और बिहेवियरल चेंज एंड कैपासिटी बिल्डिंग शामिल है. इन मानकों के आधार पर विद्यालयों को भी पांच श्रेणियों में विभक्त कर स्टार ग्रेडिंग की गई. इसमें 90 से 100 प्रतिशत प्राप्तांक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को पांच स्टार, 75 से 89 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को चार स्टार, 51 से 74 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को तीन स्टार, 35 से 50 प्रतिशत तक अंक वाले विद्यालयों को दो स्टार और 35 प्रतिशत से कम प्राप्तांक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को एक स्टार प्रदान किया गया.
कितने विद्यालयों को मिला कितना स्टार
मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता में राज्यभर के 928 विद्यालयों को पांच स्टार, 5668 विद्यालयों को चार स्टार, 27951 विद्यालयों को तीन स्टार, 6917 विद्यालयों को दो स्टार और 2977 विद्यालयों को एक स्टार हासिल हुआ.
पांच स्टार प्राप्त करने वाले विद्यालयों का कराया गया तृतीय पक्ष मूल्यांकन
इस प्रतियोगिता में पांच स्टार प्राप्त करने वाले सभी 928 विद्यालयों का बीआईटी मेसरा के द्वारा तृतीय पक्ष मूल्यांकन कराया गया. इसमें 740 विद्यालयों का स्टार ग्रेडिंग सही पाया गया. इन 740 विद्यालयों में से 119 विद्यालयों का विभिन्न कोटि में मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के लिए चयन किया गया है. इसमें कक्षा एक से पांच तक वाले 35 विद्यालय, कक्षा एक से आठ एवं छह से आठ तक वाले 25 विद्यालय, कक्षा एक से दस, कक्षा एक से बारह और कक्षा नौ से बारह तक के 50 विद्यालय के अलावा एक विशेष विद्यालय, तीन आवासीय विद्यालय और पांच निजी विद्यालय शामिल हैं.
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के टॉपर्स को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
इस समारोह में झारखंड इंटरमीडिएट काउंसिल, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के मैट्रिक और इंटरमीडिएट के सभी संकायों के राज्य स्तरीय टॉपर्स को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया जाएगा. इसके तहत मैट्रिक में पहला स्थान हासिल करने वाले को एक लाख, दूसरा स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थी को 75 हजार और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रुप में दिए जाएंगे. वहीं इंटरमीडिएट के विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय में पहला स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थी को तीन लाख, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले को दो लाख और तीसरा स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थी को एक लाख रुपए बतौर प्रोत्साहन राशि मुख्यमंत्री प्रदान कर सम्मानित करेंगे
किस बोर्ड के कितने टॉपर्स को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
इस समारोह में कुल 59 टॉपर्स् को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया जाएगा. इसमें झारखंड इंटरमीडिएट बोर्ड के मैट्रिक के 6 तथा इंटरमीडिएट के 12 टॉपर्स, सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक के 7 और इंटरमीडिएट के 14 टॉपर्स और आईसीएसई बोर्ड के मैट्रिक के 8 तथा इंटरमीडिएट के 12 ट़ॉपर्स शामिल हैं. समारोह का आयोजन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा.
सिमडेगा, चतरा व खूंटी जिला मुख्यालय को रेल कनेक्टिवटी से जोड़ने की रणनीति
राज्य के अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड राज्य में भविष्य में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उनपर होनेवाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है. इस समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च के आधार पर निर्माण के लिए लिया जाएगा. वहीं, राज्य के वैसे जिला मुख्यालयों जहां अभी तक रेले कनेक्टिवटी नहीं है, उसे रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने, महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर पर शुरू करने तथा राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना और उसके विकास में जेआरआईडीसीएल के द्वारा एंकर रोल निभाने के संदर्भ में समिति ने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिए हैं.
50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च वाली रेल परियोजाएं
विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है तो इसे रेलवे अथवा ज्वाइंट वेंचर के जरिए बनाया जाएगा.
राज्य के जिला मुख्यालयों में रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर भी दिए सुझाव
राज्य के सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत वैसे जिला मुख्यालय जो रेलवे कनेक्टिवटी से नहीं जुड़े हैं, उसे रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर भी समिति के प्रतिवेदन में सुझाव दिए गए हैं. इसके साथ राज्य के दूरस्थ इलाकों में रेल कनेक्टिविटी के लिए ली जाने वाली योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम होगी, लेकिन ऐसे दूरस्थ इलाकों की पहचान में जेआरआईडीसीएल भूमिका निभाएगा.
महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का निर्माण ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर होगा
वैसी रेल परियोजनाएं जो फाइनांसियली लाभदायक नहीं है पर राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवटी, कैपासिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी है को ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जाएगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि वाह्य श्रोतों- प्राइवेट/ गवर्नेंट स्टेकहोल्डर्स और लोन के जरिए जुटाई जाएगी.
राज्य की रेल परियोजनाओं में जेआरआईडीसीएल एंकर रोल की भूमिका में होगा
राज्य की जरूरतों को देखते हुए रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना बनाने और उसके विकास में राज्य की ज्वाइंट वेंचर-जेआरआईडीसीएल ( राज्य सरकार और रेल मंत्रालय ) एंकर रोल निभाएगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाने वाले ज्वाइंट वेंचर में राज्य सरकार औऱ रेलवे मंत्रालय की हिस्सेदारी 51-49 के अनुपात में होगी. इन रेल परियोजनाओं का वित्त वहन डेब्ट इक्विटी के आधार पर होगा.
समिति में कौन -कौन सदस्य
विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति में योजना एवं वित्त विभाग के सचिव, राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव, पथ निर्माण विभाग के सचिव औऱ परिवहन विभाग के सचिव सदस्य हैं. इस समिति ने झारखंड के लिहाज से महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं, राज्य में रेल कनेक्टिवटी बढ़ाने तथा उसपर होनेवाले खर्चे को लेकर अपने सुझाव को प्रतिवेदन के रूप में राज्य सरकार को सौंपा है.
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