CITY POST –बिहार विधानसभा में बुधवार को मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक-2022 को बिहार विधानसभा पास हो गया। इसे लेकर बिहार सरकार पहले से तैयार कर ली थी। हंगामा होने और इसको लेकर एक मत बनाने को लेकर इसे बजट सत्र के अंतिम एक दिन पहले पेश किया गया। हालांकि, बिहार सरकार की कैबिनेट से इस संशोधन विधेयक को पहले ही मंजूरी मिल गई थी। बिहार सरकार की शराबबंदी कानून को लेकर हो रही फजीहत के बाद ये फैसला लिया गया है।
आइए जानते हैं, बिहार सरकार ने सदन में क्या संशोधन विधेयक किया
- नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा
- जुर्माना देकर छूट सकता है पकड़ा गया आरोपी
- जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा हो सकती है
- बार-बार पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनों होगा
- जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी
- पुलिस को मजिस्ट्रेट के सामने जब्त सामान नहीं पेश करना होगा
- पुलिस पदाधिकारी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश कर सकते हैं
- नमूना सुरक्षित रखकर जब्त सामान को नष्ट किया जा सकेगा
- इसके लिए परिवहन की चुनौती और भूभाग की समस्या दिखाना होगा
- डीएम के आदेश तक जब्त वस्तुओं को सुरक्षित रखना जरूरी नहीं
- मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी
- धारा-37 में सजा पूरा कर चुका आरोपी जेल से छूट जाएगा
- तलाशी, जब्ती, शराब नष्ट करने को लेकर है विशेष नियम
सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। कानून व्यवस्था की स्थिति बिल्कुल खराब है। – राबड़ी देवी
विधानसभा की सुबह कार्यवाही शुरू होते ही कानून व्यवस्था और शराबबंदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पटना में लगातार हो रही हत्या पर कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। कानून व्यवस्था की स्थिति बिल्कुल खराब है। सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल पा रहा है और और बिहार की हालत काफी खराब है। कोई भी सुरक्षित नहीं है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्य में योगी मॉडल लागू किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि कौन रोक रखा है, योगी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दीजिए और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दीजिए।
इधर, AIMIM के विधायक अख्तरूल ईमान को चलते सत्र के दौरान सदन से मार्शल द्वारा बाहर कर दिया गया, जब वो अपने क्षेत्र से जुड़े एक बांध का मामला उठा रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष ने इनके रवैये से खफा होकर उन्हें मार्शल द्वारा सदन से बाहर करने का आदेश दिए और फिर उन्हें बाहर कर दिया गया। इधर इस कार्रवाई से खफा होकर अख्तरूल ईमान विधानसभा गेट के समीप धरना पर बैठ गए।
शराब बंदी कानून में संशोधन पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यही कर सकती है। सरकार से कुछ नहीं संभल रहा है और बिहार में लगातार शराब मिल रहा है और सरकार शराब बंदी कानून को पालन करने में लोगों को प्रताड़ित कर रही है।
मंत्री संजय झा ने शराबबंदी संशोधन विधेयक पेश होने पर कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरीके से राज्य में शराबबंदी कानून को सभी के सहयोग से लागू किया। इससे समाज में बहुत ही सकारात्मक संकेत गया है और इस संशोधन में छूट भी है और कड़ाई दी है। उन्होंने कहा कि पक्ष विपक्ष सभी लोगों ने शराबबंदी कानून के पक्ष में हाथ उठाकर अपना समर्थन दिया था। इसे सभी को याद रखना चाहिए।
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