शत्रुघ्न सिन्हा का बीते लोकसभा में पांच वर्षों का कार्यकाल बेहद खामोश रहा
सिटी पोस्ट लाइव – बिहारी बाबू के नाम से प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बीते पांच वर्षों का कार्यकाल काफी उदासीन भरा रहा है. उनका संसद में कार्यकाल बेहद खामोशी भरा रहा है. उन्होंने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान संसद में कोई भी सवाल नहीं पूछा और न ही कोई चर्चा में भाग लिया. हालांकि अगर सांसद निधी के खर्च की बात की जाय तो उन्होंने खुलकर इसका इस्तेमाल किया है. वे बिहार के पटना साहिब लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हैं.
इस बार फिर से शत्रुघ्न सिन्हा लोकसभा चुनावों में पटना साहिब सीट से ही मैदान में हैं और इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से है. संसद के पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि शत्रुघ्न के संसद के पिछले कार्यकाल मौजूदा के मुकाबले कुछ बेहतर रहे हैं. उन्होंने साल 1996 से लेकर 2008 तक की अवधि में सांसद रहते हुए 92 सवाल पूछे. इसके मुकाबले 2009 से 2014 तक के कार्यकाल में उनकी तरफ से 67 सवाल ही पूछे गए, हालांकि मौजूदा कार्यकाल में पटना साहिब की आवाज सदन में एकदम खामोश हो गई. इस कार्यकाल में उन्होंने सदन में एक भी प्रश्न नहीं पूछा.
लगभग इसी तरह का प्रदर्शन चर्चाओं में भाग लेने के संबंध में भी रहा. साल 1996 से 2008 तक शत्रुघ्न ने 142 बार सदन में विभिन्न विषयों पर हुई चर्चाओं में हिस्सा लिया. अपने अगले कार्यकाल 2009 से 2014 के दौरान यह संख्या एकदम नीचे चली गई. इस अवधि में शत्रुघ्न सिन्हा ने केवल नौ चर्चाओं में भाग लिया, लेकिन 2014 से 2019 के कार्यकाल में वह इस रफ्तार को भी कायम नहीं रख सके. इस अवधि में बहस में हिस्सेदारी का उनका प्रदर्शन शून्य रहा. सदन में उपस्थिति को लेकर भी शत्रुघ्न सिन्हा का मौजूदा कार्यकाल बहुत अच्छा नहीं रहा. 2009 से 2014 सदन में उनकी उपस्थिति 75 फीसद रही, लेकिन अपने मौजूदा कार्यकाल में उनकी उपस्थिति का आंकड़ा घटकर 67 फीसद पर आ गया.
शत्रुघ्न सिन्हा का सांसद निधि खर्च के मामले में प्रदर्शन अच्छा रहा है. अपने मौजूदा कार्यकाल में वह 22.5 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर चुके हैं. जबकि 2009-2014 के पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने 19.48 करोड़ की राशि खर्च की थी. आपको बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी में रहते हुए भी नरेन्द्र मोदी पर हमला करते रहे हैं. उनके टिकट को लेकर भी महागठबंधन में काफी असमंजस की स्थिती रही. कभी यह चर्चा रहा कि वे राजद की टिकट पर लड़ेंगे तो कभी कांग्रेस के टिकट पर. हालांकि फिलहाल वे कांग्रेस की टिकट पर पटना साहिब से ताल ठोकने लिए एक बार फिर से तैयार हैं.
जे.पी.चंद्रा की रिपोर्ट
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