बिहार की सियासत में वे एक बार फिर से मुकेश सहनी शून्य.
Mukesh Sahni once again in the politics of Bihar
सिटी पोस्ट LIVE – बिहार की सियासत में वे एक बार फिर से मुकेश सहनी शून्य हो गए हैं। एक सीट की जिद ने पहले उनसे उनके विधायक छीने। फिर उनका मंत्री पद गया।
वो कैंडिडेट भी चला गया जिस पर ये दांव लगा रहे थे। नतीजों ने तो इनकी रही-सही हसरत पर भी पानी फेर दिया। अब बचा तो 2 महीने के लिए विधान परिषद की एक सीट वो भी BJP की रहम-ओ-करम पर। सहनी जिस जाति के अगुवा बनने का दावा कर रहे हैं बिहार में उस मल्लाह जाति की हिस्सेदारी लगभग 7-10% है।
रमई राम के कारण मिले हैं।
ये भी पूरी तरह से इन्हें अपना नेता स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अगर ऐसा होता तो 2020 के विधानसभा चुनाव में ये खुद सिमरी बख्तियारपुर का सीट नहीं हारते । बोचहां उपचुनाव के नतीजे भी बताते हैं कि इनकी कैंडिडेट बेबी कुमारी को VIP के बैनर से ज्यादा उनके पिता रमई राम के कारण मिले हैं। बेबी कुमारी को कुल 29279 वोट यानी कुल वोट शेयर का 17.21 % है जबकि यहां कुल मल्लाह वोटर्स लगभग 8% हैं।
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