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इंजीनियर्स डे पर गूगल ने मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

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सिटी पोस्ट लाइव : आज इंजीनियर्स डे पर गूगल ने देश के सबसे बड़े इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का डूडल बनाकर उनको याद किया है.  इस डूडल में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया मैसूर पेटा पहने कावेरी नदी पर बने कृष्ण राजा सागर बांध के आगे नजर आ रहे हैं. सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया आधुनिक भारत के सबसे बड़े इंजीनियार थे. साल 1860 में कर्नाटक के कोलार में जन्मे विश्वश्वरैया ने भारत के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया है. इसे ही देखते हुए साल 1955 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

 

 

डॉ. विश्वेश्वरैया का जन्मदिन देश में अभियन्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है. पंद्रह सितम्बर 1861 को मैसूर (अब कर्नाटक) में कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुक में एक तेलुगु परिवार में जन्मे डॉ. विश्वेश्वरैया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यहीं से पूरी की और बाद में उन्होंने बंगलौर (अब बेंगलुरू) के सेंट्रल कॉलेज में प्रवेश लिया. उन्होंने 1881 में बीए की परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया। इसके बाद मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूना के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया. 

 

डॉ विश्वेश्वरैया को कई क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है, विशेष रूप से शिक्षा और इंजीनियरिंग क्षेत्र में. बेलगावी की विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी उनके सम्मान में नामित की गई है. साथ ही बेंगलुरू का यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सर एसएम विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और नागपुर का विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख कॉलेजों का नाम उनके नाम पर रखा गया है. उन्होंने कई जरूरी कामों को करते हुए नदियों पर बांध, ब्रिज और पीने के पानी की स्कीम आदि को बनाया. कृष्ण राजा सागर बांध के बनाने में इनकी भूमिका अहम रही है. इसके अलावा एशिया के बेस्ट प्लान्ड लेआउट्स में जयानगर, जो कि बेंगलुरु में स्थित है, इसकी पूरी डिजाइन और बनाने का श्रेय सर एम. विश्वेश्वरैया को ही जाता है.

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