सिटी पोस्ट लाइव: पशुपति पारस आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए निर्विरोध चुने गए. वहीं, आज उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसके दौरान उन्होंने अपनी बातों को सबके समक्ष रखा. इस दौरान वे काफी भड़के हुए भी दिखे. उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मुझे निर्विरोध चुना गया है. अपने बड़े भाई रामविलास पासवान को लेकर कहा कि, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से जितने भी पिछड़े हुए लोग हैं उनके उत्थान करना उनका सपना था. जो वे पूरा करेंगे.
वहीं, इस दौरान उन्होंने पूर्व में जितने भी एलजेपी नेता जो पार्टी छोड़ कर चले गए हैं उनसे माफ़ी मांगते हुए पार्टी में वापस आपने का आग्रह किया. साथ ही पार्टी के संगठन को मजबूत करने की भी बात कही. साथ ही उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि, पार्टी में कोई मतभेद नहीं है और यदि ऐसा होता तो आज मैं निर्विरोध नहीं चुना जाता. वहीं, इस दौरान पत्रकारों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को बदलने को लेकर संविधान में जो प्रावधान हैं, उसे लेकर प्रश्न किया गया.
जिस पर वे काफी भड़क गए. इस सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि, ऐसा कहीं भी प्रावधान में नहीं है कि कोई एक व्यक्ति आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर रहे. साथ ही कहा कि उनके पार्टी के संविधान के अनुसार प्रत्येक 2 या 3 वर्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने का प्रावधान है. बता दें कि, इससे पहले चिराग पासवान ने ही कहा था कि, इस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने का प्रावधान नहीं है. यह भी बता दें कि, पशुपति पारस के गुट ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जिसमें पशुपति पारस निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए. इसके साथ ही वे पशुपति पारस पहले पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बन गए हैं.
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