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नालंदा: स्कूली छात्र की सड़क हादसे में गई जान, धरने पर बैठे परिजन

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नालंदा: स्कूली छात्र की सड़क हादसे में गई जान,परिजन बैठे धरने पर

 

सिटी पोस्ट लाइवः यातायात के लिए बनाए गए तमाम नियमों के वाबजूद भी सड़क हादसा रुकने का नाम नहीं ले रहा है .प्रतिदिन कोई न कोई दुर्घटना की खबरे आ हीं जाती है. इसका मुख्य कारण यातायात के लिए बनाए गये नियमों का नही पालन करना है. तय सीमा से अधिक गति में गाड़ी का ड्राईव करना है. ताज़ा मामला नालंदा जिले की  है. छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोहारबीघा गांव निवासी सिकंदर पासवान के पुत्र सौरभ कुमार कल यानी 6 दिसंबर को पढ़ने के लिए स्कूल जा रहा था. रास्ते में बढोना गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के पास तीव्र गति से चल रहे ट्रैक्टर ने स्कूली छात्र सौरभ को कुचल दिया. ट्रैक्टर खुद वाहन मालिक मनोज प्रसाद उर्फ बाबा चला रहा था.तत्काल स्कूली छात्र को बढोना गांव स्थित शांति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहाँ ईलाज समय पर न होने के कारण उसकी मौत हो गई.

 

 

मौके पर पहुंची पुलिस ने कल ही शव को बरामद कर बिहारशरीफ सदर अस्पताल  पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. शाम होने का बहाना बनाकर अस्पताल प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम नहीं किया. वहीं परिजनों ने इस मामले में अस्पताल प्रशासन एवं डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.उनका कहना है कि समय पर अगर बच्चे का ईलाज होता तो वह बच जाता. जिसके बाद परिजन बच्चे के शव को लेकर नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के हॉस्पिटल मोड़ पर रख कर धरना पर बैठ गए हैं. उनका साथ दे रहें भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष रजनीश पासवान, कोषाध्यक्ष बबलू पासवान, सुबोध कुमार एवं कई अन्य सदस्य ने भी मुआवजे की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है.

 

वहीँ शव का पोस्टमार्टम आज सुबह 7 दिसंबर को कराया गया, जब हॉस्पिटल के कर्मियों से शव वाहन की मांग परिजनों ने की तो कर्मियों ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया. वहीं परिजनों का आरोप है कि दलित होने के कारण प्रशासन ने उनकी मदद नही की. उन्होंने ट्रैक्टर चालक वाहन मालिक पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए मृतक के परिजनों को 500000 मुआवजा देने की मांग की है.स्वास्थय विभाग पर हमेशा से लापरवाही का आरोप लगता रहा है कि समय पर मरीजों का ईलाज नही किया जाता है.एवं दवा भी नही दी जाती है.स्टाफ भी लापरवाही बरतते हैं.

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