सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सभी 38 जिलों में सभी 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 55 मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती की जाएगी। इसके लिए सभी मतगणना केंद्रों पर 414 हॉल में अलग-अलग वोटों की गिनती की व्यवस्था की गयी है। कोरोना से बचाव को लेकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए प्रत्येक हॉल में सात-सात टेबुल पर वोटों की गिनती की जाएगी। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सभी चरण के वोटों की गिनती के बाद वोटों की जानकारी बोर्ड पर लिखकर दी जाएगी। साथ ही, माइक से भी वोटों की गिनती की उदघोषणा की जाएगी।
निर्वाचन विभाग के अनुसार सभी मतदान केंद्रों पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1400 से घटाकर 1000 की गयी। इससे मतदान केंद्रों की संख्या जो पूर्व में 72,723 थी, करीब 46.48 फीसदी बढ़कर 1,06,515 हो गयी। नतीजा यह हुआ कि 2015 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कुल मिलाकर 56.66 फीसदी थी, वहीं इस बार 0.39 फीसदी बढ़कर 57.05 फीसदी हो गयी। बूथों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण निर्वाचन क्षेत्रों के अंतिम परिणाम आने में भी देरी होगी।
आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, कोई भी उम्मीदवार या दल के प्रतिनिधि इसे देख सकते हैं। चुनाव परिणाम बड़े पर्दे पर प्रदर्शित किया जाएगा आयोग ने निर्देश दिया है कि बड़े पैमाने पर मतगणना (काउंटिंग) एजेंट को जगह उपलब्ध कराने में कठिनाई हो तो ऐसी स्थिति में कंट्रोल यूनिट के माध्यम से प्रदर्शित होने वाले चुनाव परिणामों को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाएगी। ताकि मतगणना एजेंट को असुविधा नहीं हो।
इसके अतिरिक्त आयोग ने मतगणना केंद्र को मतगणना शुरू होने, मतगणना के दौरान और मतगणना के बाद इंफेक्शन मुक्त किये जाने का भी निर्देश दिया है।चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट की गिनती को लेकर अतिरिक्त सहायक निर्वाची पदाधिकारी की आवश्यकता जतायी है। इसके लिए निर्वाची पदाधिकारी/ सहायक निर्वाची पदाधिकारी की देखरेख में अलग हॉल की व्यवस्था करने की स्वीकृति भी दी है।अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मतगणना केंद्र सभी जिलों में बनाये गए है। सभी केंद्रों के सभी प्रवेश द्वार पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी के स्तर से सभी जिलों में निर्देश जारी किए गए हैं।
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