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पीएमसीएच में जारी है जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, एक बच्चा समेत 4 मरीजों की गई जान

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पीएमसीएच में जारी है जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, एक बच्चा समेत 4 मरीजों की गई जान

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच के जूनियर डॉक्‍टरों की हड़ताल गरीब मरीजों की जान पर आफत बनकर आई है.कल एक मरीज के परिजनों द्वारा एक जूनियर डॉक्टर के साथ की गई मारपीट के विरोध में सोमवार की सुबह से ही जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हाहाकार मच गया है. पीएमसीएच में मरीजों की मौत हो रही है. अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हड़ताल की वजह से एक बच्चे समेत 4 मरीजों की मौत हो गयी है.

हड़ताल के कारण अबतक 90 से ज्यादा मरीज अस्पताल से नाम कटाकर भाग गए हैं. जो मरीज बचे हैं अस्पताल में उनके ईलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. इमरजेंसी में स्थिति बहुत नाजुक बनी हुई है. मरीजों का इलाज तो दूर स्ट्रेचर और ट्रॉली तक नहीं मिल रहा है. इलाज हो नहीं रहा और स्ट्रेचर मिल नहीं रहा. लोग अपने मरीजों को कंधे पर,गोद मे और चादर में लपेटकर दूसरे अस्पताल ले जा रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों को मनाने का प्रयास जारी है. लेकिन वो अपनी मांग पर डटे हैं. आरोपी परिजनों की गिरफ्तारी और सुरक्षा की मांग की लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. अस्पताल में जिंदगी की आस लेकर आये मरीज ईलाज के अभाव में अपनी जान गवां रहे हैं.

सोमवार को शिशु वार्ड में मरीज के परिजनों द्वारा की गई डॉक्‍टर की पिटाई के विरोध में जूनियर डॉक्‍टरों ने काम करना बंद कर दिया. वार्ड में कोई डॉक्‍टर मौजूद नहीं है. अस्‍पताल में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं. डॉक्टरों की हड़ताल के कुछ ही देर बाद एक बच्चे ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था. बताया जा रहा है कि खगौल के रहने वाले एक मरीज के परिजनों ने शिशु वार्ड में एक डॉक्‍टर की पिटाई कर दी. डॉक्‍टर दीनानाथ घायल हो गए. इस घटना के विरोध में जूनियर डॉक्‍टरों ने हड़ताल कर दी.

अस्पताल प्रबंधन और सरकार इस हड़ताल से निबटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का दावा कर रही है. लेकिन जो मरीज यहाँ भर्ती हैं, वो सच्चाई बता रहे हैं. यहाँ पिछले 12 घंटे से कोई डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आया है. कहने के लिए जूनियर्स डॉक्टर्स ही हड़ताल पर हैं.लेकिन सीनियर डॉक्टर्स भी ड्यूटी पर कम ही नजर आ रहे हैं.

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